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    नेशनल टेस्टिंग एजेंसी : नीट में अक्षत को ऑल इंडिया तीसरी रैंक, सूबे में मिली पहली रैंक

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    Updated: Thu, 06 Jun 2019 09:02 AM (IST)

    नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के संयोजन में हुई नीट 2019 में अक्षत कौशिक को ऑल इंडिया स्तर पर तीसरी और सूबे में पहली रैंक मिली है।

    नेशनल टेस्टिंग एजेंसी : नीट में अक्षत को ऑल इंडिया तीसरी रैंक, सूबे में मिली पहली रैंक

    वाराणसी, जेएनएएन। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के संयोजन में हुई नीट 2019 में अक्षत कौशिक को ऑल इंडिया स्तर पर तीसरी और सूबे में पहली रैंक मिली है। अक्षत को 720 में से 700 अंक मिले हैं। जबकि ऑल इंडिया स्तर पर दूसरे स्थान पाने वाले भाविक बंसल को भी 700 अंक मिले हैं लेकिन भाविक की उम्र अधिक होने के कारण उन्हें दूसरा स्थान मिला है। नई दिल्ली स्थित आकाश इंस्टीट्यूट में अक्षत व भाविक रूम पार्टनर थे। खास यह कि अक्षत का परिवार मेडिकल क्षेत्र में है। डीएलडब्ल्यू-ककरमत्ता निवासी अक्षत के पिता जनरल डा. अवधेश कुमार कौशिक ककरमत्ता में एक निजी अस्पताल के संचालक व जनरल सर्जन हैं। जबकि माता किरण कौशिक स्त्री रोग विशेषज्ञ व बड़े भाई मोहित बीएचयू से एमबीबीएस कर रहे हैं।

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    अक्षत की इच्छा माता-पिता व भाई की भांति डॉक्टर बनकर समाज सेवा करने की है। नीट का रिजल्ट जब जारी हुआ तो अक्षत मुंबई से बनारस आ रहे थे। यह संयोग ही कहा जा सकता है कि जीवन की उड़ान को गति तब मिली जब वे हवाई यात्रा पर थे। उनकी इच्छा इंडोक्राइन के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने की है।

    इंटर में मिले थे 96.4 फीसद अंक  : अनौपचारिक बातचीत में अक्षत ने बताया कि फिजिक्स केमिस्ट्री, बॉयो शुरू से ही पसंद है। इन तीनों विषयों को पढ़ने में मन लगता है। नीट में अच्छी रैंकिंग के पीछे इन्हीं तीनों विषयों का हाथ है। अक्षत को इस वर्ष इंटर की परीक्षा में 96.4 फीसद अंक मिले थे। बताया कि नीट के लिए रोज छह से सात घंटे अध्ययन करता था।

    परिवेश ने बढ़ाया मनोबल : अक्षत ने बताया कि पारिवारिक परिवेश ने चिकित्सक बनने के लिए प्रेरित किया। रैंक आने पर आश्चर्य हुआ क्योंकि इतनी अच्छे की उम्मीद नहीं की थी। नई दिल्ली एम्स के लिए भी प्रवेश परीक्षा दी है। यही प्राथमिकता में भी है। अक्षत ने बताया कि तैराकी व टीवी देखना उनकी हॉबी है।

    नहीं डाला पढ़ाई का दबाव : उनकी माता डा. किरण कौशिक ने बताया कि उन्होंने बेटे पर पढ़ने के लिए दबाव नहीं डाला। अक्षत स्वयं पढ़ता था। बेटे की सफलता से खुश पिता डॉ. अवधेश कुमार कौशिक की इच्छा उसे अच्छा डॉक्टर बना कर समाज सेवा में समर्पित करने की है।

    18993 परीक्षार्थी हुए थे शामिल : देश के मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस और बीडीएस में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट की परीक्षा पांच मई को कराई थी। जनपद के 19991 परीक्षार्थियों में से 998 ने परीक्षा छोड़ दी। 28 केंद्रों पर 18993 परीक्षार्थी पहुंचे थे।

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