एम्स में भी अक्षत कौशिक को तीसरी रैंक
वाराणसी ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में भी जनपद के अक्षत कौशिक को तीसरी और अपने ग्रुप में पहली रैंक मिली है। अक्षत को नीट 2019 में भी आल इंडिया में पहली रैंक मिली थी।
वाराणसी : ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में भी जनपद के अक्षत कौशिक को तीसरी व अपने ग्रुप में पहली रैंक मिली है। अक्षत को नीट 2019 में भी ऑल इंडिया स्तर पर तीसरी व सूबे में पहली रैंक मिली थी। हालांकि उनकी प्राथमिकता एम्स-दिल्ली में दाखिले की है।
डीएलडब्ल्यू-ककरमत्ता निवासी अक्षत के पिता जनरल सर्जन डा. अवधेश कुमार कौशिक ककरमत्ता में निजी अस्पताल संचालक हैं। मां किरण कौशिक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। बड़े भाई मोहित बीएचयू से एमबीबीएस कर रहे हैं। अक्षत की इच्छा माता-पिता व भाई की भांति डॉक्टर बनकर समाजसेवा की है। वह इंडोक्राइन के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं।
इंटर में मिले थे 96.4 फीसद अंक : अनौपचारिक बातचीत में अक्षत ने बताया कि बायो व सामान्य ज्ञान में अच्छे रैंक हैं। उनको इस वर्ष इंटर की परीक्षा में 96.4 फीसद अंक मिले थे। बताया कि प्रतिदिन छह से सात घंटे अध्ययन करते थे।
परिवेश ने बढ़ाया मनोबल
आकाश इंस्टीट्यूट (दुर्गाकुंड) के छात्र अक्षत ने बताया कि पारिवारिक परिवेश ने चिकित्सक बनने के लिए प्रेरित किया। नीट व एम्स दोनों में तीसरी रैंक आने पर आश्चर्य नहीं हुआ। कारण मेडिकल की तैयारी पूरे मन से की थी। अक्षत ने बताया कि तैराकी व टीवी देखना उनकी हॉबी है।
इच्छा अच्छा डॉक्टर बनाने की
उनकी माता डा. किरण कौशिक ने बताया कि उन्होंने बेटे पर पढ़ने के लिए दबाव नहीं डाला। अक्षत स्वयं पढ़ता था। बेटे की सफलता से खुश पिता डॉ. अवधेश कुमार कौशिक की इच्छा उसे अच्छा डॉक्टर बना कर समाजसेवा में समर्पित करने की है।
एम्स में 1207 सीटें
देश के 15 एम्स संस्थाओं में एमबीबीएस की 1207 सीटों पर दाखिले के ऑनलाइन परीक्षा 25 व 26 मई को दो चरणों में कराई गई थी।
काउंसिलिंग तीन चरणों में
दाखिले के लिए काउंसिलिंग तीन चरणों में होगी। काउंसिलिंग जुलाई के प्रथम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।
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