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    वाराणसी में कफ सीरप के अवैध कारोबार पर अजय राय ने उठाया सवाल, पीएम पर हमलावर

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 04:48 PM (IST)

    वाराणसी में कफ सीरप के अवैध कारोबार को लेकर अजय राय ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला है। उन्होंने इस मामले में सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है। राय ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील करते हुए कहा कि इस तरह के अवैध कारोबार सरकार की नाकामी को दर्शाते हैं।

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    प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जानलेवा कफ सीरप के अवैध कारोबार पर अजय राय ने सवाल उठाया।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष अजय राय ने बुधवार को कफ सीरप प्रकरण को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की और सरकार को इस बहाने कठघरे में खड़ा क‍िया। कहा क‍ि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जानलेवा कफ सीरप का अवैध कारोबार इस प्रकरण पर प्रधानमंत्री/स्थानीय सांसद की चुप्पी क्यों?

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    कहा क‍ि बड़ा सवाल यह है की पुलिस कमिश्नरेट जैसी कड़ी व्यवस्था के बीच, जहरीली कफ सिरप का नेटवर्क जिस तरह फल-फूल रहा है, यह केवल कानून-व्यवस्था की नाकामी नहीं- यह डबल इंजन की सरकार की सीधी असफलता और सत्ता संरक्षण का गंदा चेहरा है।

    एनएचआरसी  ने 2 महीने पहले नोटिस भेजा पर प्रदेश सरकार रिपोर्ट देने में नाकाम रही। दो माह पहले ही कफ सिरप से हुई मौतों के मामले में एनएचआरसी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया था और स्वास्थ्य मंत्रालय से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी थी।

    एनएचआरसी ने सैंपल रिपोर्ट भी तुरंत उपलब्ध कराने को कहा था। लेकिन डबल इंजन की सरकार ने आज तक कोई रिपोर्ट NHRC को नहीं दी।यह दर्शाता है कि सरकार न केवल नाकाम है, बल्कि इस पूरे कारोबार को ढाल दे रही है।

    आरोप लगाया क‍ि सत्ता संरक्षण का खेल देखिए क‍ि 15 नवम्बर को दर्ज एफआइआर में आरोपी शुभम जायसवाल का पूरा नाम, पिता का नाम और पता मौजूद है। लेकिन 19 नवम्बर को दर्ज एफआईआर में उसी आरोपी शुभम जायसवाल के पिता का नाम और घर का पता गायब कर दिया जाता है।

    बताया क‍ि यह साफ़ संकेत है कि इस अवैध कारोबार को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और सत्ता मशीनरी आरोपियों को बचाने में लगी है। इस जहरीली कफ सीरप ने कई राज्यों में मासूम बच्चों की जान ली है। यह केवल वाराणसी की समस्या नहीं यह राष्ट्रीय स्तर का स्वास्थ्य संकट है। बच्चों की मौतों के बाद भी सरकार की कार्रवाई शून्य है। इतना बड़ा अपराध प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में हो रहा है और प्रधानमंत्री जी की चुप्पी इस बात को जगजाहिर करती है कि डबल इंजन की सरकार का संरक्षण प्राप्त है।

    बताया क‍ि इस प्रकरण का असली मास्टरमाइंड ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी अधिकारी नरेश मोहन है जो भ्रष्टाचार का मुख्य जड़ है। कहा क‍ि पार्टी मांग करती है क‍ि इस ड्रग अधिकारी को बर्खास्त कर कार्यवाही की जाए। काशी की पवित्र भूमि पर जहरीली सीरप का अंधेरा फैलाया जा रहा है।

    आरोप लगाया क‍ि मुख्यमंत्री हर हफ्ते यहाँ आते हैं, फिर भी अपराधियों का साम्राज्य बढ़ रहा है। यह केवल एक ही बात साबित करता है कि यह पूरा नेटवर्क सरकारी संरक्षण में फल-फूल रहा है। यही कारण है कि न मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, न संपत्ति कुर्क हुई, न गहरी जांच हुई, न नेटवर्क तोड़ा गया। सरकार सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बटोर रही है, जबकि जमीनी स्तर पर कार्रवाई शून्य है।

    उन्‍होंने मांग उठाई क‍ि सभी मुख्य आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो, मामले की न्यायिक जाँच हो, माफियाओं की अवैध संपत्तियों की कुर्की, राजनीतिक संरक्षण की जांच और स्वास्थ्य मंत्रालय व यूपी सरकार से एनएचआरसी को पूरी रिपोर्ट सौंपने की बाध्यता तय की जाए।