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    सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय व आइआइटी-बीएचयू के बीच करार, 'ऑनरेरी चेयर' भी होगी स्‍थापित

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Thu, 16 Jan 2020 10:22 AM (IST)

    आइआइटी-बीएचयू एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के समझौता हुआ। एमओयू के मुताबिक राजमार्ग से संबंधित विषयों में शोध के लिए छात्रों के बीच रुचि बढ़ाने पर बल दिया जाएगा

    सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय व आइआइटी-बीएचयू के बीच करार, 'ऑनरेरी चेयर' भी होगी स्‍थापित

    वाराणसी, जेएनएन। सड़क सुरक्षा इंजीनियरिंग, राजमार्ग के विकास, रखरखाव और संचालन के क्षेत्र में तकनीकी उन्नयन और नई तकनीक की शुरूआत को लेकर गत दिनों आइआइटी-बीएचयू एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के समझौता हुआ। एमओयू के मुताबिक राजमार्ग से संबंधित विषयों में शोध के लिए छात्रों के बीच रुचि बढ़ाने पर बल दिया जाएगा, वहीं मंत्रालय की ओर से संस्थान में इसके लिए 'ऑनरेरी चेयर' भी स्थापित की जाएगी।

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    नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से 31वां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह (11 से 17 जनवरी) मनाया जा रहा है। आयोजन के तहत 13 जनवरी को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व राज्य मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग अवकाश प्राप्‍त जनरल  वीके सिंह की उपस्थिति में संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन व महानिदेशक (सड़क विकास) एवं विशेष सचिव आइके पांडेय ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। प्रो. जैन ने बताया कि मंत्रालय राजमार्ग क्षेत्र में नई तकनीक और नवाचार के लिए उद्योग-अकादमिक संपर्क के सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना चाहता है। ताकि संस्थान में राजमार्ग से संबंधित विषय पर अपने शोध को आगे बढ़ाने के लिए शोध छात्रों के बीच रुचि बढ़े। इस संदर्भ में मंत्रालय ने संस्थान परिसर में एक 'ऑनेरेरी चेयर स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। बताया संस्थान में एक साथ सड़क सुरक्षा, पर्यावरण एवं सामाजिक प्रभाव से संबंधित अध्ययन कर सकेंगे। साथ ही, संस्थान राजमार्ग विकास के लिए मानकों, दिशा-निर्देशों, सेमिनार, प्रशिक्षण एवं प्रयोग पुस्तिका आदि के माध्यम से राजमार्ग विकास की योजना, डिजाइन, निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव से संबंधित तकनीक का विस्तार करेगा। वहीं, सड़क सुरक्षा से संबंधित मंत्रालय की ओर से जारी सुरक्षा मानकों एवं प्रौद्योगिकी के निर्धारण में भी सहयोग करेगा। इसके अलावा मंत्रालय के अधिकारियों को शोध कार्यक्रमों में भाग लेने, राजमार्ग जागरूकता से संबंधित कार्यशाला व सम्मेलन कराने, अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में परामर्श देने आदि पर भी सहमति बनी है।