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    नगर पालिका रामनगर व नगर पंचायत सूजाबाद के विलय के बाद वाराणसी में गंगा पार होगा अब सर्वांगीण विकास

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Tue, 02 Aug 2022 08:31 PM (IST)

    Municipality Ramnagar Nagar Panchayat Sujabad वाराणसी के रामनगर पालिका परिषद व नवसृजित सूजाबाद नगर पंचायत को नगर निगम में विलय को मंगलवार को कैबिनेट की मोहर लग गई। अब यह दोनों वाराणसी नगर निगम का हिस्सा होंगे।अधिकारी जून से ही इसकी रुपरेखा तैयार कर रहे थे।

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    वाराणसी के गंगा पार स्थित रामनगर का किला।

    वाराणसी, संजय यादव। रामनगर पालिका परिषद व नवसृजित सूजाबाद नगर पंचायत को नगर निगम में विलय को मंगलवार को कैबिनेट की मोहर लग गई। अब यह दोनों वाराणसी नगर निगम का हिस्सा होंगे।अधिकारी जून से ही इसकी रुपरेखा तैयार कर रहे थे। आठ जुलाई को मंडलायुक्त ने भी रिपोर्ट बनाकर प्रमुख सचिव को सौंप दिया था।इसके विलय के पीछे गंगा पार के क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास व आगामी समय में पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की योजना मानी जा रही हैं।

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    साथ ही बुनियादी सुविधाएं बढ़ेंगी।सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले इस नगर निगम के विस्तार के पीछे इसे 15 लाख आबादी से अधिक का बनाना है ताकि प्रदेश की लखनऊ,कानपुर सहित उन बड़े नगर निगम में शामिल किया जा सके,जहा पार्षदों की संख्या110 है।इससे यहां बजट बढ़ेगा जिससे विकास कु रफ्तार तेज होगी।और आमजन को सुबिधाओं को बढ़ाने में नगर निगम खुद सक्षम होगा।

    दरअसल गंगा पार स्थित रामनगर पालिका व सूजाबाद नगर पंचायत वाराणसी क्षेत्र में आता है।अधिकारियों का मानना है कि दोनों नगर निगम से अलग एक स्वतंत्र इकाई होने से विकास कार्य में अड़चन आती है।साथ ही अधिकारियों में आपसी तालमेल न होने से लोगों को भी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। इन सबको देखते हुए दोनों को नगर निगम में विलय करने की तैयारी चल रही थी।प्रमुख सचिव ने मंडलायुक्त से प्रस्ताव कि परीक्षण करते हुए नगर निगम वाराणसी के सीमा विस्तार की रिपोर्ट मांगी थी।

    होगा विकास,बढ़ेगा कर का बोझ

    रामनगर नगर पालिका वनगर पंचायत सूजाबाद को नगर निगम में विलय करने के बाद यहां के लोगों को भी नगरीय सुविधाएं मिलेंगी।गलियों में साफ सफाई होगी तो सड़के सुंदर बनेगी। फिलहाल विकास हो ना हो,लेकिन नगरवासियों की मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी।कारण यह है कि अभी तक लोग जल व जल मूल्य ही देते थे। नगर निगम में विलय के बाद लोगों को गृह कर,सीवर कर के साथ ही कूड़ा उठान तक के लिए रुपये अदा करना पड़ेगा।

    डेढ़ साल पूर्व नगर पंचायत, अब नगर निगम में विलय

    गंगा इस पार स्थित सूजा बाद व डोमरी गांव को जोड़कर वर्ष 2020 में 20 दिसंबर को नगर पालिका का दर्जा दिया गया था।अभी नवसृजित पालिका के विकास सहित अफसरों व कर्मचारी के कार्यालय को बनाने की तैयारी चल ही रही है।इसी बीच अब पंचायत को नगर निगम में विलय की तैयारी शुरू कर दी गई है।

    विश्व प्रसिद्ध रामलीला से रामनगर की पहचान

    रामनगर इलाका तो वैसे काशी नरेश,पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री स्मृति संग्रहालय सहित कई महत्वपूर्ण चीजों को लेकर जाना जाता है।साथ ही रामनगर में होने वाले रामलीला से इस इलाके की पहचान पूरे विश्व में है। अधिकारियों की माने तो गंगा नदी के किनारे रिवर फ्रंट निर्माण सहित अन्य योजनाओं से नगर में पर्यटन स्थलों का हब बनेगा।शहर देव दीपावली सहित अन्य पर्व पर यहां पर्यटकों का हूजूम रहता है।ऐसे में ज्यादा विकास गंगा पार होने की संभावना है।

    एक नजर रामनगर पालिका पर

    25 वार्ड,पांच मनोनीत को मिलाकर 30 सभासद

    02 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली है पालिका।1939 में नगर पंचायत बना तत्पश्चात 11 नवंबर 1950 में पालिका का हुआ गठन।

    97 हजार आबादी है नगर पालिका की 60 हजार मतदाता हैं इस पूरे क्षेत्र में

    08 हजार भवन स्थित हैं पूरे दायरे में 18 लाख रुपये की सलाना आय

    सूजाबाद नगर पंचायत

    गठन : 20 दिसम्बर 2022

    आबादी : 29700 लगभग

    वोटर : 21300 लगभग

    एरिया :डेढ़ वर्ग किलोमीटर

    वार्ड : 15

    भवन : 3240