खदानों से निकलने के बाद बदल जाती है कोयले की बिल्टी, चंदौली के चंधासी मंडी में राजस्व की हो रही चोरी
Chandhasi Mandi of Chandauli कोयला मंडी में भ्रष्टाचार को लेकर कई तरह का खेल चल रहा है। मंडी के भ्रष्टाचार को उजागार करने के लिए सीबीआइ कई बार छापेमारी कर चुकी है। जांच टीम के ढुलमुल रवैये से राजस्व की हानि हो रही है।

जागरण संवाददाता, चंदौली। एशिया की सबसे बड़ी चंधासी की काले हीरे की मंडी में सरकार के राजस्व की भारी चोरी की जा रही है। जीएसटी टीम के धमकने के बाद एक बार फिर से अवैध कोयला का कारोबार चर्चा में है। इस बार कोयला का अवैध कारोबार कोल फैक्ट्रियों की आड़ में किया जा रहा है। खदानों से कोयला निकालकर अवैध कोयला डिपो में डंप किया जाता है, जहां से उसे ट्रकों द्वारा मंडियों में भेजा जा रहा है। जांच टीम के ढुलमुल रवैये से राजस्व की हानि हो रही है। टीम के आने के बाद यह भी चर्चा उठने लगती है कि हनक जमा कर अधिकारी मोटी रकम लेकर चलते बनते हैं। कोल मंडी में लंबे समय से काला खेल चल रहा है।
कोयला मंडी में कोयले का अवैध कारोबार जमकर हो रहा है। रोजाना हो रहे लाखों के इस अवैध कारोबार से पुलिस-प्रशासन बिल्कुल अनजान है। हालांकि कभी कभार पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन इस गोरखधंधे पर पूरी तरह विराम नहीं लग पा रहा है। स्थानीय कोल मंडी में धनबाद, रानीगंज, आसनसोल, सिंगरौली व दुद्धिचूहा के खदानों से कोयला आता है। खदानों से लिंकेज (सब्सिडाइज दर) के कोयले के खरीद फरोख्त होती है। सस्ते दर पर कोयला लेकर महंगे दामों पर बेचा जाता है। कोयला मंडी में भ्रष्टाचार को लेकर कई तरह का खेल चल रहा है। मंडी के भ्रष्टाचार को उजागार करने के लिए सीबीआइ कई बार छापेमारी कर चुकी है। अभियान के कुछ दिनों तक तो सबकुछ ठीक चला है। कुछ दिन बाद भ्रष्टाचार का खेल फिर से बदस्तूर जारी हो जाता है। ऐसा लगता है कि व्यापारियों को सीबीआइ तक का डर नहीं रहा। अब एक बार फिर से जीएसटी की एसआइबी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन ब्रांच) टीम के धमकने से कोल व्यापारियों की धुकधुकी बढ़ गई है।
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