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    प्रधानमंत्री बनने के बाद शास्त्री जी ने लोन लेकर खरीदी थी कार, दिल्ली के मेमोरियल में अब भी है संरक्षित

    By sanjay kumarEdited By: Anurag Singh
    Updated: Sun, 02 Oct 2022 01:11 AM (IST)

    राजनीति का वर्तमान दौर जिसमें किसी भी चुनाव में कार तो पात्रता बन जाती है। यदि नहीं है तो पार्षद तक का चुनाव जीतते ही द्वार पर लक्जरी कार खड़ी हो जाती है। इससे इतर लाल बहादुर शास्त्री जब प्रधानमंत्री बने तब उनके पास अपनी कोई कार नहीं थी।

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    1964 के आसपास राष्ट्रीय युवा महोत्सव में गये बीएचयू के छात्रों के सांस्कृतिक प्रतिनिधि मंडल संग तत्कालीन पीएम एलबी शास्त्री।

    वाराणसी, संजय यादव। राजनीति का वर्तमान दौर जिसमें किसी भी चुनाव में कार तो पात्रता बन जाती है। यदि नहीं है तो पार्षद तक का चुनाव जीतते ही द्वार पर लक्जरी कार खड़ी हो जाती है। इससे इतर लाल बहादुर शास्त्री जब देश के प्रधानमंत्री बने तब उनके पास अपनी कोई कार नहीं थी। उनके पास इतना पैसा भी न था कि कार खरीद सकें। बच्चों के आग्रह पर उन्होंने हिम्मत जरूर की और बैंक से लोन लेकर एक कार खरीदी। उस कार का ऋण भी चुकता नहीं कर पाए थे कि उनका तााशकंद में देहांत हो गया।

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    तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने उनका ऋण माफ करने की सिफारिश की, लेकिन उनकी पत्नी ने इसे स्वीकारने से इन्‍कार कर दिया। इस घटना के चार साल बाद तक उनके कार के ऋण की अदायगी बिना सरकारी मदद के की गई थी। यह कार आज भी दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री स्मारक में रखी है।

    भारत के इस सपूत का जन्म दो अक्टूबर सन् 1904 को चंदौली जिले के मुगलसराय में हुआ था। उनको घर में सबसे छोटे होने के नाते प्यार से 'नन्हे' बुलाया जाता था। बचपन में ही पिता का साया सिर से उठ जाने की वजह से उन्होंने मीरजापुर में अपने नाना के यहां प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। धनाभाव में पढ़ने के लिए नदी तैर कर बनारस आते थे। काशी विद्यापीठ से संस्कृत की पढ़ाई के बाद उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि मिली। बेहद कम उम्र में ही वे गांधी जी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। आजादी के बाद दिल्ली गए और केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों में जिम्मेदारी निभाई। रेल मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री समेत कई मंत्री पद संभाले। उन्होंने 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में अंतिम सांस ली थी।

    जयंती पर विविध कार्यक्रम

    उनकी जयंती पर दो अक्टूबर को विविध कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस क्रम में पुराना रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय में उनकी जयंती पर पुष्पांजलि, भजन गायन व संगोष्ठी सहित गांधी की जीवन यात्रा पर छाया चित्र एवं अभिलेख प्रदर्शनी का आयोजित की गई है।

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