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    कागजों से बाहर नहीं निकल रही प्लानिंग, दस साल बाद भी जनोपयोगी नहीं बनी एसटीपी

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    Updated: Sun, 16 Jun 2019 03:59 PM (IST)

    राजीव गांधी ने आरपी घाट पर गंगा एक्शन प्लान की आधारशिला रखी थी जिसके बाद दीनापुर में 80 एमएलडी का एक एसटीपी बना जिसके ट्रीट पानी को सिंचाई के लिए उपयो ...और पढ़ें

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    कागजों से बाहर नहीं निकल रही प्लानिंग, दस साल बाद भी जनोपयोगी नहीं बनी एसटीपी

    वाराणसी, जेएनएन। गंगा निर्मलीकरण के तहत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने आरपी घाट पर गंगा एक्शन प्लान की आधारशिला रखी थी जिसके बाद दीनापुर में 80 एमएलडी का एक एसटीपी बना जिसके ट्रीट पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में लाने की योजना बनी। यह एसटीपी बनकर तैयार हुआ और शहर की पुरानी सीवर लाइन से जोड़ दिया गया लेकिन भ्रष्टाचार की जकड़ में फंसा प्लांट उद्देश्यों को पूरा न कर सका। इसके बाद जेएनएनयूआर के तहत 2008 में वरुणापार के लिए 120 तो शहर के अन्य इलाकों के लिए जायका के तहत 140 एमएलडी का एसटीपी बना जिसके लिए पूरे शहर में पाइप लाइन बिछाई गई।

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    दुर्भाग्य है कि एक दशक बीत जाने के बाद भी दोनों एसटीपी जनोपयोगी नहीं बन सकीं क्योंकि सीवेज लाइनों में लक्षित घरों के शौचालयों का कनेक्शन नहीं हो सका। दीनापुर एसटीपी से चिरईगांव ब्लाक के खेतों को सींचने की योजना बनी है तो गोइठहां एसटीपी से हरहुआ व चोलापुर के खेतों को सींचने के अलावा वरुणा नदी में प्रतिदिन 60 एमएलडी पानी छोड़ने की योजना है। यह सभी प्लानिंग कागजों से बाहर नहीं निकल रही जिससे सिंचाई के लिए भूजल पर निर्भरता अब तक बनी हुई है।

    वरुणापार इलाके में सीवरेज योजना

    -12 दिसंबर 2008 को मिली मंजूरी

    -309.12 करोड़ रुपये का बजट

    -16 नवंबर 2009 को कार्य प्रारंभ

    -66 किलोमीटर मेन पाइप लाइन

    शहर के लिए सीवरेज योजना

    -140 एमएलडी का एसटीपी नई सीवर लाइन के लिए

    -80 एमएलडी का एसटीपी पुरानी सीवर लाइन के लिए

    -600.41 करोड़ का कुल बजट

    -50 एमएलडी का एसटीपी रमना में प्रस्तावित

    -102 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट

    पानी बर्बादी पर करें शिकायत -जलकल कंट्रोल रूम 8935000976

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