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BHU लैब में एबॉट व सीबी-नॉट मशीन से भी होगी coronavirus की जांच, आइसीएमआर से मंजूरी का इंतजार

चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू स्थित माइक्रोबॉयोलाजी विभाग की लैब अब एबॉट मशीन व सीबी-नॉट मशीन से कोरोना मरीजों के सैंपलों की जांच के लिए तैयार है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 05:37 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 05:37 PM (IST)
BHU लैब में एबॉट व सीबी-नॉट मशीन से भी होगी coronavirus की जांच, आइसीएमआर से मंजूरी का इंतजार
BHU लैब में एबॉट व सीबी-नॉट मशीन से भी होगी coronavirus की जांच, आइसीएमआर से मंजूरी का इंतजार

वाराणसी [मुहम्मद रईस]। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित माइक्रोबॉयोलाजी विभाग की लैब अब एबॉट मशीन व सीबी-नॉट मशीन से कोरोना मरीजों के सैंपलों की जांच के लिए तैयार है। आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) से मंजूरी मिलने पर व किट की उपलब्धता के बाद इन मशीनों से जांच शुरू की जाएगी।

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माइक्रोबॉयोलाजी विभाग के लैब में वर्तमान में पांच रियल टाइम पीसीआर मशीनों से जांच की जा रही है। वहीं लैब में एचआइवी जांच में प्रयुक्त एबॉट मशीन व एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) टीबी की जांच में इस्तेमाल होने वाली सीबी-नॉट मशीन भी उपलब्ध है। इनसे भी कोरोना जांच की जा सकती है। आइसीएमआर से जांच शुरू करने के लिए अनुमति मांगी गई है। वहीं पहले से उपलब्ध जीन एक्सपर्ट मशीन से पिछले चार-पांच दिन में कुल 105 सैंपल की जांच की गई। किट खत्म होने के बाद फिलहाल इससे जांच नहीं हो पा रही है। वहीं विवि प्रशासन ने 72 लाख रुपये की लागत से एक और जीन एक्सपर्ट मशीन मंगाने का निर्णय लिया है, जो अगले सप्ताह तक लैब में आ भी जाएगी। इस मशीन की विशेषता यह है कि इस पर एक घंटे में कोरोना के 16 सैंपल की जांच की जा सकेगी और रिपोर्ट भी जल्द ही मिल जाएगी। माइक्रोबॉयोलाजी लैब में इन दिनों वाराणसी समेत 13 जिलों के कोरोना सैंपल की जांच हो रही है। मार्च के पहले सप्ताह से चल रही जांच में अब तक 3500 से अधिक सैंपल की जांच की जा चुकी है, जिसमें सिर्फ वाराणसी से ही 1600 सैंपल भेजे जा चुके हैं।

माइक्रोबॉयोलाजी विभाग के लैब में पांच रियल टाइम पीसीआर मशीन

आजमगढ, गाजीपुर, जौनपुर, मऊ से भी अब तक 200 से अधिक सैंपल की जांच कर रिपोर्ट दी जा चुकी है। पहले जहां 100 से 150 सैंपल रोजाना आते थे, वहीं एक सप्ताह से 300 से 350 सैंपल आ रहे हैं। सैंपल अधिक होने की वजह से जांच में देरी भी हो रही है। कई जिलों में सैंपल की रिपोर्ट भी समय से नहीं मिल पा रही है। प्रो. गोपालनाथ के मुताबिक वर्तमान में माइक्रोबॉयोलाजी विभाग के लैब में पांच रियल टाइम पीसीआर मशीन, पांच बायो-सेफ्टी कैबिनेट, एक एबॉट, एक सीबी-नॉट व एक जीन एक्सपर्ट मशीन उपलब्ध हैं। किट उपलब्ध होते ही एबॉट, सीबी-नॉट व जीन एक्सपर्ट मशीन से भी सैंपल जांचे जाएंगे।


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