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    वाराणसी में माल‍िक की तलाश में वरुणा की बाढ़ के बीच कई बार डूबता उतराता रहा आटोरिक्शा

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 03:30 PM (IST)

    वाराणसी में गंगा-वरुणा में आई बाढ़ के दौरान शास्त्रीघाट के पास एक आटोरिक्शा डूब गया। यह आटोरिक्शा बार-बार पानी से बाहर आया पर कोई लेने नहीं आया। कचहरी चौराहे के पास खड़ा यह आटोरिक्शा दो महीने से लावारिस है जिससे रास्ता बाधित हो रहा है। अधिवक्ता केके सिंह के अनुसार इसका मालिक मोहम्मद रोशन है।

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    प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई है ताकि आटोरिक्शा को हटाया जा सके।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। इस बार मानसूनी सक्र‍ियता के बीच गंगा और वरुणा में चार बार बाढ़ आई। बाढ़ के कारण लोगों के घर डूब गए, लेकिन पानी उतरते ही हर बार लोग अपने घरों में लौट आए। इस बीच, वरुणा कारिडोर पर शास्त्रीघाट के पास एक आटोरिक्शा भी बाढ़ में डूब गया। यह आटोरिक्शा हर बार बाढ़ के पानी से बाहर निकलता है, लेकिन इसका कोई दावेदार उसे लेने नहीं आया।

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    कचहरी चौराहे से पुराने वरुणा पुल की ओर जाने वाले पाथवे पर खड़ा यह आटोरिक्शा, जिसका नंबर यूपी-65 एचटी 1819 है, दूसरी बार बाढ़ में डूब गया। जब पानी उतरा, तो भी इसके मालिक ने इसे लेने की जहमत नहीं उठाई। इसके बाद, दो बार और बाढ़ का पानी बढ़ा, जिसमें यह फिर से डूब गया। पानी उतरने पर यह आटोरिक्शा बाहर आ गया। चौथी बार बाढ़ का पानी उतरने के बाद एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक कोई दावेदार इसे लेने नहीं आया है।

    अधिवक्ता केके सिंह ने बताया कि इस आटोरिक्शा का पंजीकरण परिवहन कार्यालय में है और इसका मालिक पक्की बाजार निवासी मोहम्मद रोशन है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन ने इस लावारिस आटोरिक्शा के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया है, जबकि यह पिछले दो महीनों से यहीं खड़ा है। आटोरिक्शा की उपस्थिति के कारण रास्ता भी आधा बाधित हो गया है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    इस स्थिति ने स्थानीय निवासियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिरकार ऐसा क्या कारण है कि मालिक ने अपने वाहन को लेने की कोशिश नहीं की। क्या यह आर्थिक कारणों से है या फिर कुछ और? इस प्रश्न का उत्तर अभी भी अनसुलझा है।

    स्थानीय प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि इस आटोरिक्शा को हटाया जा सके और रास्ता साफ किया जा सके। इसके अलावा, यह भी आवश्यक है कि ऐसे मामलों में उचित कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति उत्पन्न न हो।

    इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बाढ़ के बाद भी कुछ चीजें अनदेखी रह जाती हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए समस्या बन जाती हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कब तक कार्रवाई करेगा और क्या मोहम्मद रोशन अपने आटोरिक्शा को लेने आएंगे।