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जापान की नामी कंपनी यूनिक्लो वाराणसी से खरीदेगी फैब्रिक, डिजाइन और रेट के बारे में दिया जाएगा प्रेजेंटेशन

जापान की परिधान से जुड़ी नामी कंपनी यूनिक्लो बनारस के फेब्रिक्स (कपड़ा) के प्रति खासा दिलचस्पी दिखाई है। कंपनी के बड़े अधिकारी शीघ्र बनारस का दौरा कर कपड़े की गुणवत्ता परखेंगे। मानक पर खरा मिला तो बड़े पैमाने पर खरीदने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 07:20 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 07:20 AM (IST)
जापान की नामी कंपनी यूनिक्लो वाराणसी से खरीदेगी फैब्रिक, डिजाइन और रेट के बारे में दिया जाएगा प्रेजेंटेशन
जापान की परिधान से जुड़ी नामी कंपनी यूनिक्लो बनारस के फेब्रिक्स (कपड़ा) के प्रति खासा दिलचस्पी दिखाई है।

वाराणसी, जेएनएन। जापान की परिधान से जुड़ी नामी कंपनी यूनिक्लो बनारस के फेब्रिक्स (कपड़ा) के प्रति खासा दिलचस्पी दिखाई है। कंपनी के बड़े अधिकारी शीघ्र बनारस का दौरा कर कपड़े की गुणवत्ता परखेंगे। मानक पर खरा मिला तो बड़े पैमाने पर खरीदने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। इसके बाद कंपनी कच्चे कपड़े से पेंट, शर्ट, पैजामा, कुर्ता टाई व अन्य आकर्षण डिजाइनिंग परिधान का निर्माण करेगी। दुनिया बनारसी कपड़े का परिधान पहनकर निहाल होगी।

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निर्यात की यह संभावना कमिश्नर दीपक अग्रवाल के वीडियोकांफ्रेंसिंग के बाद जगी है। विदेश मंत्रालय के सहयोग से कमिश्नर मंगलवार को मंडलीय सभागार से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ बैठक की। साथ ही वाराणसी में बनने वाले कपड़ों की गुणवत्ता, रेट एवं डिजाइन आदि का प्रजेंटेशन दिया। कंपनी ने शीघ्र वाराणसी आकर कपड़े की गुणवत्ता परखने की मंशा जताई। कपड़ा कारोबार से जुड़े लोगों में खासा उत्साह है। बताया जा रहा है कि निर्यात की अनुमति मिली तो इस कारोबार से जुड़े लोगों की आमदनी में अच्छा खासा इजाफा होगा। कमिश्नर ने बताया कि कंपनी गुजरात में फैक्ट्री लगाएगी व वाराणसी से कच्चा माल के रूप में कपड़ा क्रय करेगी।

कांफ्रेंसिंग में इनकी रही उपस्थिति

नेशनल फैशन डिजाइन संस्थान के संयुक्त निदेशक शंकर झा, बुनकर सेवा केंद्र के उप निदेशक संदीप सुधरीकर, संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश कुमार सिंह, डॉक्टर रजनीकांत के साथ ही फेब्रिक्स निर्माता अदनान एवं अमरीश कुशवाहा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

निर्यात हब की राह को मिला बल

वाराणसी का लंगड़ा एवं दशहरी आम, सांबा चावल, हरी सब्जियां, गाजीपुर की हरी मिर्च, मटर, चंदौली का काला चावल पहले से ही निर्यात हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग बढ़ती जा रही है। सुखद संयोग होगा बहुराष्ट्रीय कंपनी को वाराणसी फैब्रिक पंसद आया तो निर्यात को और बल मिलेगा। तेजी से निर्यात के क्षेत्र में हब बन रहे बनारस की राह और प्रशस्त होगी।


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