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    वाराणसी के लिए ऐतिहासिक सौगात, ITAT की सर्किट बेंच को मिली स्थाई पीठ की मंजूरी

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 02:51 PM (IST)

    वाराणसी के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय में, ITAT की सर्किट बेंच को स्थाई पीठ की मंजूरी मिल गई है। इस फैसले से वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों के करदाताओं को ...और पढ़ें

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    घोषणा केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को लखनऊ में ITAT के रजत जयंती समारोह के दौरान की।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी / लखनऊ। वाराणसी और संपूर्ण पूर्वांचल के करदाताओं, कर अधिवक्ताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए केंद्र सरकार ने वाराणसी स्थित आयकर अपीलीय अधिकरण (ITAT) की सर्किट बेंच को जल्द ही 'स्थाई बेंच' के रूप में अपग्रेड करने का एलान किया है। यह घोषणा केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को लखनऊ में ITAT के रजत जयंती समारोह के दौरान की।

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    इस समारोह में वाराणसी का प्रतिनिधित्व करते हुए वाराणसी ITAT बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला, इनकम टैक्स बार एसोसिएशन, वाराणसी के अध्यक्ष आशुतोष भारद्वाज तथा पूर्व अध्यक्षगण ओम प्रकाश शुक्ला एवं आसिम ज़फर ने मंत्री से मिलकर वाराणसी की ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं प्रशासनिक महत्ता को रेखांकित करते हुए लंबे समय से लंबित सर्किट बेंच को स्थाई पीठ में परिवर्तित करने की पुरजोर मांग रखी। मंत्री महोदय ने इस मांग को पूर्णतः न्यायोचित मानते हुए मंच से ही वाराणसी में स्थाई ITAT पीठ की स्वीकृति की घोषणा की।

    स्थाई पीठ की स्थापना से आयकर अपीलों की नियमित सुनवाई सुनिश्चित होगी, जिससे लंबित मामलों का त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण संभव हो सकेगा। इसके परिणामस्वरूप वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, गोरखपुर, महाराजगंज सहित आसपास के अनेक जिलों के करदाताओं और कर पेशेवरों को सुनवाई हेतु प्रयागराज व लखनऊ के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, जिससे समय एवं धन की उल्लेखनीय बचत होगी।

    समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कर प्रणाली को अधिक सरल, पारदर्शी और करदाता-अनुकूल बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वाराणसी की विशेष महत्ता को देखते हुए वहां स्थाई ITAT पीठ की स्थापना आवश्यक थी, ताकि सामान्य करदाताओं को न्याय प्राप्त करने के लिए अनावश्यक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

    इस घोषणा का वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के करदाताओं, टैक्स प्रोफेशनल्स, कर-अधिवक्ताओं तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, व्यापारिक जगत द्वारा व्यापक स्वागत किया गया है। स्थानीय बार एसोसिएशनों ने इसे वाराणसी के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे न केवल न्यायिक व्यवस्था सुदृढ़ होगी, बल्कि क्षेत्र में व्यापार एवं निवेश के लिए अनुकूल वातावरण को भी बल मिलेगा।

    वाराणसी में स्थाई ITAT पीठ की स्थापना से न केवल करदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि यह निर्णय क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह कदम पूर्वांचल के विकास की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जो स्थानीय व्यवसायों और करदाताओं के लिए नई संभावनाएँ खोलेगा।