पुलवामा के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने पश्चिम बंगाल से तिरंगा लेकर निकला साइकिल यात्री पहुंचा वाराणसी
पुलवामा के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने पश्चिम बंगाल से तिरंगा लेकर निकला साइकिल यात्री अब वाराणसी पहुंच चुका है। वाराणसी पहुंचे श्यामा पदो शर्मा ने जागरण से अपनी यात्रा का उद्देश्य साझा करते हुए शहीदों के लिए यात्रा की वजह भी बताई।
वाराणसी [शैलेन्द्र सिंह 'पिन्टू']। मन में देश-प्रेम का जज्बा हो तो बाधाएं भी आड़े नहीं आतीं और समर्पण का भाव कुछ ऐसा श्यामा पदो शर्मा ने दिखाया कि उनका प्रयास लोगों के लिए किसी जज्बे से कम नहीं। श्यामा पदो शर्मा 2007 से प्रतिवर्ष देश भ्रमण कर देश के शहीदों के लिए यात्रा के जरिए लोगों को जागरुक कर रहे हैं।
मन में अगर देश -प्रेम का जज्बा हो तो हर मंजिल आसान नजर आती है। इस तीखी धूप व गर्मी में जहां घर से बाहर निकलना मुश्किल हैं, वहीं पुलवामा के अमर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने हेतु पश्चिम बंगाल से तिरंगा लेकर देश प्रेमी साइकिल से निकल पड़ा है। साइकिल यात्री रविवार की रात काशी की धरती पर प्रवेश कर मिर्जामुराद पहुंचे। थाना पर रात्रि विश्राम करने के बाद सोमवार की सुबह यात्री अपने मंजिल की ओर निकल पड़े।
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर-मिलनपल्ली (कुरुरिया डांगा) निवासी 50 वर्षीय श्यामा पदो शर्मा चना की घुघरी बेचने का काम करते हैं। वर्ष 2007 से यह देशहित में प्रतिवर्ष साइकिल से एक पेड़ एक जीवन (पर्यावरण), प्रदूषण मुक्त भारत, पोलियो मुक्त भारत आदि की जागरूकता हेतु देश का भ्रमण कर रहे। इस बार इनके मन में पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने का विचार आया। बीते 24 अप्रैल को दुर्गापुर से साइकिल पर तिरंगा झंडा संग इन्होंने पुलवामा तक की यात्रा शुरू की। साइकिल चलाते वक्त हेलमेट भी पहने हुए हैं, साथ ही साइकिल पर रोजमर्रा के कुछ सामान भी लिए हैं। एक दिन में करीब एक सौ किमी की दूरी तय कर रहे।
रात होने पर पुलिस स्टेशन, पेट्रोल पंप आदि जगहों पर ठहराव करते हैं। इस उम्र में साइकिल सवार में देश प्रेम का जज्बा देख ग्रामीण अचंभित नजर आ रहे हैं। साइकिल सवार का कहना है कि हर इंसान के दिल में अपने देश के प्रति प्रेम व अच्छी सोच जरूर होनी चाहिए, तभी देश में खुशहाली आ सकती है।