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    वाराणसी के पिंडरा के 65 ग्रामीणों को मिला वरासत, खतौनी व भूमि आवंटन पत्र

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sun, 18 Oct 2020 07:35 PM (IST)

    राजस्व विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतगर्त लाभार्थियों को लाभांवित करने के उद्देश्य से 65 ग्रामीणों को रविवार को वरासत खतौनी व भूमि आवंटन पत्र व ...और पढ़ें

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    लाभार्थियों को लाभांवित करने के उद्देश्य से 65 ग्रामीणों को वरासत, खतौनी व भूमि आवंटन पत्र दिया गया।

    वाराणसी, जेएनएन। राजस्व विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतगर्त लाभार्थियों को लाभांवित करने के उद्देश्य से 65 ग्रामीणों को रविवार को वरासत, खतौनी व भूमि आवंटन पत्र विधायक डा. अवधेश सिंह द्वारा वितरित किया गया। तहसील पिंडरा के सभागार में आयोजित वितरण समारोह में विधायक ने कहा कि 'सरकार आपके द्वार की घोषणा प्रदेश सरकार ने की थी, वह आज पूरी होती दिख रही है। पूर्व में वरासत व खतौनी में नाम दर्ज कराने के लिए भागदौड़ करनी पड़ती थी। अब अभियान चलाकर ग्रामीणों को उनके घर पर ही इसे दिया जा रहा है।

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    एसडीएम जयप्रकाश ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का वरासत होना उनका संवैधानिक अधिकार है। उसके लिए राजस्व विभाग कटिबद्ध है। तहसीलदार रामनाथ ने बताया कि 20 लोगों को वरासत, 20 लोगों को खतौनी व 25 लोगों को भूमि आवंटन प्रमाण पत्र वितरित किया गया। इसके अलावा राजस्व विभाग द्वारा घर-घर जाकर उक्त वितरण किया जा रहा है। इस दौरान ग्राम प्रधान रामू गुप्ता, लेखपाल सुरेंद्र मौर्य, नंदलाल जायसवाल, संजय पांडेय, बब्बू सिंह, कन्हैया पटेल, इंस्पेक्टर सनवर अली, लालमणि, जगदीश सिंह आदि उपस्थित थे।

    राजातालाब तहसील में बांटा गया स्वामित्व प्रमाण पत्र

    राजातालाब तहसील पर रविवार को लोगों को उनकी भूमि से जुड़े स्वामित्व के प्रमाण पत्र वितरित किए गए। रोहनिया विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह और सेवापुरी विधायक नील रतन पटेल की मौजूदगी में प्रमाण पत्र का वितरण तहसील क्षेत्र में आने वाले किसानों और भूमि मालिकों को किया गया। स्वामित्व से जुड़े प्रमाण पत्र पाकर 50 किसानों ने प्रसन्नता व्यक्त की। वितरण कार्यक्रम में तहसील के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे। हालांकि दूसरी ओर तमाम किसानों का कहना है कि उन्हेंं आज तक वरासत के कागज नहीं मिले। कहा की लेखपालों के चलते बार-बार चक्कर लगाना पड़ रहा है लेकिन वरासत नहीं दर्ज हो पा रहे हैं। आनलाइन वरासत के लिए आवेदन करने के बावजूद भी मामला लंबित पड़ा हुआ है।