Varanasi Registration Office को 55 करोड़ का नुकसान, लॉकडाउन-2 में खोलने के दौरान भी नहीं हुई बोहनी
लॉकडाउन से विभाग को करीब 55 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति हुई है। वाराणसी का निबंधन कार्यालय प्रतिमाह औसतन 52 से 55 करोड़ रुपये का राजस्व सरकारी खजान ...और पढ़ें

वाराणसी [अशोक सिंह]। लॉकडाउन की वजह से जहां व्यापार पूरी तरह से ठप है वहीं सरकार की आय भी प्रभावित हुई है। अधिकतर विभागों से राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। हालत यह है कि प्रदेश में सर्वाधिक राजस्व देने वाले विभागों में तीसरे नंबर के निबंधन (रजिस्ट्री) कार्यालय में एक रुपया राजस्व नहीं मिल रहा है। लॉकडाउन से विभाग को करीब 55 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति हुई है। जिले का निबंधन कार्यालय प्रतिमाह औसतन 52 से 55 करोड़ रुपये का राजस्व सरकारी खजाने में देता है।
रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन व मकान की खरीद बिक्री के साथ ही वसीयत, करार, मुख्तारनामा आदि के 49 प्रकार के दस्तावेजों का पंजीकरण होता है। रजिस्ट्री में दोनों पक्षकारों के न्यूनतम 8-10 लोग शामिल होते हैं। इस कारण कार्यालय में सैकड़ों की भीड़ होती है। कर्मचारियों की संख्या को मिला दिया जाए तो संख्या हजार में पहुंच जाती है। इसी कारण लॉकडाउन होते ही निबंधन कार्यालय को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। राजस्व की हो रही क्षति को देखते हुए लॉकडाउन-2 में 16 अप्रैल को सरकार ने सबसे पहले निबंधन कार्यालय को खोला। निबंधन कार्यालय में आने वालों को प्रशासन से पास लेकर ई-स्टांप पर ऑनलाइन दस्तावेज के साथ ही निबंधन शुल्क जमा कर पंजीकरण कराने की शर्त रखी गई। इसका परिणाम हुआ कि कोई पंजीकरण कराने नहीं आया। जिससे चार दिनों तक कार्यालय खोलने के बाद भी एक रुपया राजस्व नहीं मिला। अंतत: 20 अप्रैल को कार्यालय दोबारा बंद कर दिया।
आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं
आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं। इस कारण रजिस्ट्री आदि के दस्तावेजों के पंजीकरण भी ठप है। दोबारा कार्यालय खोलने के दौरान कुछ लोग आए भी तो वे नियम व प्रक्रिया को समझ कर चले गए।
- एसके तिवारी, एआइजी स्टांप, वाराणसी।

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