51 फर्मों की दवा बिक्री पर रोक, यूपी के इस जिले में टीम ने छापेमारी कर 12 लाइसेंस किए सस्पेंड, अब होगी ये बड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के एक जिले में औषधि विभाग ने 51 दवा फर्मों की बिक्री पर रोक लगा दी है। छापेमारी के दौरान 12 लाइसेंस निलंबित किए गए। यह कार्रवाई दवाओं की गुणवत्ता में अनियमितताओं के कारण की गई। विभाग इन फर्मों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है ताकि दवाओं की गुणवत्ता बनी रहे।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जनस्वास्थ्य को ताक पर रखते हुए दवा बिक्री में किए जा रहे खेल को देखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से गुरुवार को वाराणसी में जबरदस्त छापेमारी की गई। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के नेतृत्व में 10 औषधि निरीक्षकों की टीम ने नशीली औषधियों के 51 थोक विक्रेताओं की दुकान-दफ्तर से लेकर गोदाम तक छापेमारी की। गड़बड़ी की आशंका में बिक्री बंद करा दी गई। उनके लाइसेंस पर ‘स्टाप सेल’ का आदेश किया गया। साथ ही फर्म के भंडारण, वितरण, क्रय-विक्रय और समस्त रिकार्ड की विस्तृत रूप से जांच की जा रही है।
छापेमारी के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में स्थित प्रमुख थोक विक्रेताओं एपीसीओ मेडिकेयर इंडिया प्रा.लि., महाकाल मेडिकल स्टोर, डीएसए फार्मा , निशांत फार्मा, हरि ओम फार्मा, जीडी इंटरप्राइजेज, न्यू पीएल फार्मा, आशा डिस्ट्रीब्यूटर्स, न्यू वृद्धि फार्मा, पीडी फार्मा, पूर्णा फार्मा, खुशी मेडिकल का अधिकारियों ने औचक निरीक्षण किया।इस दौरान इन 12 फर्मों में अनियमितता पाए जाने पर सभी के ड्रग लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए गए। साथ ही प्राथमिक सूचना रिपोर्ट भी दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
वाराणसी दवा के मामले में लंबे समय से संवेदनशील रहा है। यहां नकली दवाओं की खेप पकड़ी जाती रही है तो रोक के बाद भी नशीली दवाएं बेची जाती रही हैं। इसे देखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने सतर्कतावश कार्रवाई की। इसमें संदेह अनुसार गड़ब़़ड़ियां मिलने से अफसर सकते में रहे।

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