वाराणसी में 500 रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठिये चिह्नित, भेजे जाएंगे डिटेंशन सेंटर
वाराणसी पुलिस ने 500 रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की है। ये सभी अवैध रूप से शहर में रह रहे थे और आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे। पुलि ...और पढ़ें

बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की तलाश के लिए सीएम डीसीपी क्राइम सरवणन टी व्यक्ति से पूछताछ करते l सौजन्य : पुलिस
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में कमिश्नरेट पुलिस ने वाराणसी में 500 रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की है। इन लोगों को अब डिटेंशन सेंटर में भेजा जाएगा। यह जानकारी पुलिस की खुफिया टीम द्वारा जनपद के झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में की गई जांच के बाद सामने आई है। प्रारंभिक जांच के परिणामों के आधार पर पुलिस ने सतर्कता बरतने और गहराई से जांच करने का निर्णय लिया है।
पुलिस की टीम गांव-गांव जाकर जांच कर रही है, जिसके चलते चोलापुर सहित कई अन्य ब्लाकों में कुछ परिवारों के घर छोड़ने की चर्चा भी हो रही है। इसे मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) के गणना प्रपत्र भरने के अभियान का परिणाम भी माना जा रहा है।
जांच में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। झुग्गी-झोपड़ी के अलावा, लंबे समय से काशी में निवास कर रहे रोहिंग्या अब समाज की मुख्य धारा में इस प्रकार घुल-मिल गए हैं कि उन्हें पहचानना आसान नहीं है। कुछ लोग कल-कारखानों में और कुछ प्राइवेट कंपनियों में कार्यरत हैं। खुफिया विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन लोगों ने धीरे-धीरे सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, मकान बनाने के लिए आवास पीला कार्ड आदि बनवा लिए हैं। यहां तक कि मतदाता सूची में भी इनके नाम दर्ज हैं।
पुलिस प्रशासन की टीम ऐसे लोगों की पहचान करने में जुटी हुई है। उम्मीद है कि एसआइआर जांच का यह अभियान एक बड़ा आधार बनेगा, क्योंकि इसमें उन्हें यह बताना होगा कि 2003 में उनके परिवार के लोग कहां मतदाता रहे थे।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी में चिह्नित किए गए 500 लोगों में से 200 काशी जोन, 200 वरुणा जोन और 100 गोमती जोन से हैं। इन सभी को अब डिटेंशन सेंटर में भेजा जाएगा। जांच की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद वाराणसी में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की तलाश के लिए डीसीपी क्राइम सरवणन ने भी संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की है। इस कार्रवाई के तहत पुलिस ने सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया है ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके।
वाराणसी में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान और उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजने की प्रक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और इसे सुलझाने के लिए ठोस कदम उठा रहा है। इससे न केवल वाराणसी की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह समाज में शांति और स्थिरता बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगी।

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