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    वाराणसी में बड़ी ग्राम पंचायतों में 36 करोड़ धनराशि नहीं हुआ खर्च, जिला पंचायत राज कार्यालय से नोटिस जारी

    वाराणसी में छोटी पंचायतों की झोली खाली है तो वहीं जिले की 70 से अधिक बड़ी पंचायतें 36 करोड़ धनराशि खर्च ही नहीं कर पाईं हैं। इन सभी पंचायतों को जिला पंचायत राज कार्यालय से नोटिस जारी किया गया है।

    By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Wed, 01 Jun 2022 02:10 AM (IST)
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    पंचायतों को जिला पंचायत राज कार्यालय से नोटिस जारी किया गया है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी : छोटी पंचायतों की झोली खाली है तो वहीं जिले की 70 से अधिक बड़ी पंचायतें 36 करोड़ धनराशि खर्च ही नहीं कर पाईं हैं। इन सभी पंचायतों को जिला पंचायत राज कार्यालय से नोटिस जारी किया गया है। साथ ही कारण भी पूछा गया है कि उक्त धनराशि खर्च न करने की क्या वजह रही। इसी के साथ यह भी निर्देशित किया गया है कि 30 जून तक उक्त राशि हर हाल में खर्च कर लें वरना कार्रवाई की जद में होंगे।

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    दूसरी तरफ पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि मार्च के अंतिम समय में पैसा मिलने के कारण खर्च नहीं हुआ तो वहीं कुछ विधान परिषद चुनाव को लेकर जारी आचार संहिता के कारण खर्च न होने की बात कह रहे हैं।दूसरी तरफ पंचायतों का यह भी आरोप है कि शासन ने पंचायतों को पैसे खर्च को लेकर तमाम नियमों में जकड़ दिया है। ग्राम प्रधान गांव में जनता की जरूरत के मुताबिक काम नहीं करा सकता है। गांव में नाली खड़ंजा की जरूरत है तो शासन का निर्देश होता है कि पंचायत भवन व शौचालय पर पैसा खर्च किया जाए।

    बड़ी पंचायत गोसाईपुर मोहांव के ग्राम प्रधान अनुराधा मौर्य के पति जय प्रकाश मौर्य ने कहा कि बड़ी पंचायतों को इमरजेंसी फंड के नाम पर धनराशि रखनी होती है। कुछ पैसे वित्तीय वर्ष के अंत में मिले हैं। इस समय इंटरलाकिंग समेत अन्य कार्य तेजी से हो रहे हैं। समय से धन खर्च कर लिए जाएंगे। उगापुर के ग्राम प्रधान रामसूरत यादव का कहना है कि शासन से अभी धनराशि नहीं मिली है। छोटी पंचायत होने के कारण एक पैसा नहीं है। छह हजार रुपये केयर टेकर, छह हजार रुपये कंप्यूटर आपरेटर व छह हजार ग्राम प्रधान के मानदेय देने के अलावा गांव में कोई विकास कार्य पैसे के अभाव में नहीं हो पा रहा है।