चश्मे के लेंस व फ्रेम पर अलग-अलग टैक्स
वाराणसी : प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विस टैक्स में चश्मे के लेंस और फ्रेम पर अलग-अलग कर लगने से व्यापा
वाराणसी : प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विस टैक्स में चश्मे के लेंस और फ्रेम पर अलग-अलग कर लगने से व्यापारियों में गुस्सा है। उनका कहना है कि इसे वापस लिया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो कारोबारी विरोध में सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।
वाराणसी आप्टिकल एसोसिएशन की मंगलवार को बैठक हुई। मंडल अध्यक्ष बदरूद्दीन अहमद ने कहा कि पहले धूप के चश्मे पर 14.5 प्रतिशत वैट लगता था जबकि जीएसटी में 28 प्रतिशत कर दिया गया। कहा कि पावर का चश्मा बनाने पर 5 प्रतिशत वैट लगता था अब जीएसटी आने पर 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
जीएसटी में धूप से बचाव के लिए छाता को करमुक्त कर दिया गया है। कान की मशीन को भी टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया जबकि पावर का चश्मा इन वस्तुओं से ज्यादा महत्वपूर्ण है। पावर का चश्मा एक उम्र के बाद हर किसी की जरुरत होती है। इतना ज्यादा टैक्स होने से आमजन के पाकेट पर भार पड़ेगा। कहा कि सनग्लास जो नेत्रों की सुरक्षा के लिए उपयोगी है। धूप से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों, तेज रोशनी, धूल से नेत्रों की सुरक्षा के लिए मेडिकली रिकमंड किया जाता है। दृष्टि दोष को दूर करने के लिए उपयोग में आने वाले नजर के चश्मे पर 18 प्रतिशत कर लगाना देशवासियों के साथ धोखा है।
बैठक में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रवीण खनेजा, सीएन पाल, विनोद भार्गव, एकबालुद्दीन, डा. दिलशाद अहमद, सुहेल अख्तर सुमित मंगलानी, पंकज पाल आदि ने विचार व्यक्त किए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।