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    युग प्रवर्तक व युग निर्माता थे भारतेंदु

    वाराणसी : आधुनिक बोली के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र की 166वीं जयंती विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में धूमधा

    By Edited By: Updated: Sat, 10 Sep 2016 01:36 AM (IST)

    वाराणसी : आधुनिक बोली के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र की 166वीं जयंती विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर संगोष्ठी, परिचर्चा में उनके व्यक्तित्व व कृतित्व का बखान किया गया। वक्ताओं ने कहा कि ¨हदी साहित्य के क्षितिज पर भारतेंदु हरिश्चंद्र का नाम धूमकेतु की तरह है। भारतेंदु हरिश्चंद्र युग प्रवर्तक, युग निर्माता थे।

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    हरिश्चंद्र पीजी कालेज में आयोजित भारतेंदु जयंती के मौके पर प्राचार्य प्रो. सोहन लाल यादव ने कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र ने ¨हदी भाषा को एक नई दिशा दी। डा. बनारसी ने कहा कि जब भारतीय जनमानस दासता की बेड़ियों में जकड़ा था। तब उन्होंने ¨हदी भाषा को नई शक्ति दी। संचालन डा. बलबीर सिंह व धन्यवाद ज्ञापन मुख्य नियंता डा. अमित कुमार जायसवाल ने किया। समारोह में डा. पंकज कुमार, डा. हरिश्चंद्र सिंह, शैलेंद्र पांडेय, शंभू बेनवंशी, श्री प्रकाश यादव, अनिल यादव, श्रीपति मिश्र सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया। दूसरी ओर मैदागिन स्थित भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर छात्रों ने संस्थापक को नमन किया। इस मौके पर छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष श्रीप्रकाश, सौरभ यादव, अमन जायसवाल, अखिलेश पाल सहित अन्य लोग मौजूद थे।

    नाटकों में नए समाज की व्यवस्था :

    उधर अग्रसेन कन्या पीजी कालेज, परमानंदपुर में हिंदी विभाग के तत्वाधान में भारतेंदु हरिश्चंद्र की जयंती धूमधाम से मनाई गई। 'राष्ट्रीय नव जागरण : भारतेंदु हरिश्चंद्र' विषयक संगोष्ठी के मुख्य अतिथि हिंदी विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय के प्रो. सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि भारतेंदु के नाटकों में नवजागरण व नए समाज की व्यवस्था दिखाई देती है। मुख्य वक्ता हिंदी विभाग, बलदेव पीजी कालेज के अध्यक्ष डा. प्रकाश उदय ने कहा कि भारतेंदु केसाहित्य में जीवंतता है। प्रबंधक संदीप अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ पत्र पत्रिकाओं का संपादन किया अपितु नारी शिक्षा के लिए भी उन्होंने बहुत काम किया। स्वागत प्राचार्या डा. कुमकुम मालवीय, विषयस्थापन डा. नीलिमा शाह, संचालन डा. अर्चना सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डा. प्रतिभा तिवारी ने किया।