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वाराणसी परिक्षेत्र में 145 गांव बने 'सम्पूर्ण बीमा ग्राम', जीवन बीमा के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित कर रहा डाक विभाग

वाराणसी डाक विभाग परिक्षेत्र में डाक जीवन बीमा और ग्रामीण डाक जीवन बीमा में वर्तमान में कुल 1.30 लाख से ज्यादा पॉलिसियां संचालित हैं। डाक जीवन बीमा के 138वें वर्ष में प्रवेश होने पर कैंट प्रधान डाकघर में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 06:42 PM (IST)
वाराणसी परिक्षेत्र में 145 गांव बने 'सम्पूर्ण बीमा ग्राम', जीवन बीमा के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित कर रहा डाक विभाग
डाक जीवन बीमा के 138वें वर्ष में प्रवेश होने पर कैंट प्रधान डाकघर में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

वाराणसी, जेएनएन। डाक विभाग, जीवन बीमा के क्षेत्र में भी एक लम्बे समय से कार्यरत है। एक फरवरी 1884 को आरंभ 'डाक जीवन बीमा' भारत में सरकारी व अर्द्ध सरकारी कर्मचारियों के लिए सबसे पुरानी बीमा योजना है, जिसका लाभ अब निजी क्षेत्र के प्रोफेशनल्स भी उठा सकते हैं। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने डाक जीवन बीमा के गौरवशाली 138वें  वर्ष में प्रवेश  होने पर  कैण्ट प्रधान डाकघर में  आयोजित कार्यक्रम में  व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने बीमाधारकों को पीएलआई पॉलिसी बांड सौंपकर उनके सुखी भविष्य की भी कामना की।

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पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बीमा के क्षेत्र में भी डाक विभाग नित नये आयाम स्थापित कर रहा है। डाकघरों में लोगों की आयु और आवश्यकता के हिसाब से जीवन बीमा की तमाम योजनायें हैं, जिनमें सुरक्षा, संतोष, सुविधा, युगल सुरक्षा, सुमंगल व चिल्ड्रेन पालिसी शामिल हैं। वाराणसी परिक्षेत्र में डाक जीवन बीमा और ग्रामीण डाक जीवन बीमा में वर्तमान में कुल 1.30 लाख  से ज्यादा पॉलिसियां संचालित हैं। कोरोना काल में ढाई हजार से ज्यादा पॉलिसियाँ जारी की गईं।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि जीवन बीमा आज के दौर की एक अनिवार्य आवश्यकता है एवं  डाक विभाग अपने विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से सुदूर क्षेत्र में रह रहे लोगों को भी बीमित करने के लिए संकल्प है। एक अभिनव पहल करते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के 145 गाँवों में सभी योग्य लोगों का बीमा करते हुए इन्हें 'सम्पूर्ण बीमा ग्राम' बना दिया गया है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग ने नवीन टेक्नालॉजी अपनाते हुए कोर इंश्योरेंस सर्विस के तहत मैककेमिश सॉफ्टवेयर के माध्यम से बीमा सेवाओं को भी ऑनलाइन बनाया है।  'डाक जीवन बीमा' योजना का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। पहले मात्र सरकारी व अर्द्धसरकारी कर्मचारियों तक सीमित डाक जीवन बीमा अब निजी शिक्षण संस्थाओं /विद्यालयों/महाविद्यालयों आदि के कर्मचारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, प्रबंधन सलाहकारों, चार्टेड एकाउंटेंट, वास्तुकारों, वकीलों, बैंकर  जैसे पेशेवरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बम्बई स्टॉक एक्सचेंज के सूचीबद्ध कम्पनी के कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध है।

डाक जीवन बीमा के अन्तर्गत लाभों की चर्चा करते हुए वाराणसी पश्चिमी मंडल के डाकघर अधीक्षक श्री राम मिलन ने कहा कि निवेश की सुरक्षा पर सरकार की गांरटी, धारा 80 के तहत आयकर में छूट, कम प्रीमियम व अधिक बोनस, पालिसी पर लोन की सुविधा, ऑनलाइन प्रीमियम जमा करने की सुविधा,  देश के किसी भी डाकघर में प्रीमियम जमा करने की सुविधा और अग्रिम प्रीमियम पर छूट दी जाती है। डाक जीवन बीमा में  अधिकतम बीमित सीमा  50 लाख और ग्रामीण  डाक जीवन बीमा में 10 लाख है। सहायक निदेशक शम्भु राय बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न जगहों पर डाक बीमा मेले लगाकर ‘डाक जीवन बीमा दिवस’  मनाया गया, जिसमें लोगों  को इसके बारे में जागरूक किया गया और लोगों का बीमा भी किया गया। इस अवसर पर सहायक डाक  अधीक्षक अजय कुमार मौर्या, सहायक डाक अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव, डाक निरीक्षक शशिभूषण यादव, डाक निरीक्षक विशम्भर नाथ द्विवेदी, पोस्टमास्टर कैंट रमाशंकर वर्मा, राजेन्द्र यादव, अजिता, एसपी गुप्ता, राहुल वर्मा, घनश्याम पटेल, रामबदन यादव, ओम कृष्ण यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।


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