महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में इंजीनियरिंग सहित शुरू होंगे 11 नए कोर्स, शिक्षा मंत्रालय और पीएमओ को भेजा प्रस्ताव
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सत्र 2022-23 से बीसीए व बीड्रामा की भी पढ़ाई होगी। दाखिले के लिए आवेदन 27 जून तक किए जा सकते हैं। वहीं एमए (हिंदू अध्ययन) एमएससी (बायो मैथ) कंप्यूटर साइंसइंजीनियरिंग (बीटेक) सहित 11 नए कोर्स भी सत्र 2022-23 से शुरू करने की तैयारी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सत्र 2022-23 से बीसीए व बीड्रामा की भी पढ़ाई होगी। दाखिले के लिए आवेदन 27 जून तक किए जा सकते हैं। वहीं एमए (हिंदू अध्ययन), एमएससी (बायो, मैथ), कंप्यूटर साइंस,इंजीनियरिंग (बीटेक) सहित 11 नए कोर्स भी सत्र 2022-23 से शुरू करने की तैयारी है। कार्य परिषद व विद्यापरिषद इसकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। राजभवन से अनुमोदन मिलते ही दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कुलपति प्रो. आनंद कुमार का कार्यकाल का एक साल पूरे होने पर जागरण प्रतिनिधि अजय कृष्ण श्रीवास्तव ने उनसे विशेष बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश...
विज्ञान व प्रौद्योगिकी संकाय के विकास की क्या योजना है?
विज्ञान व प्रौद्योगिकी संकाय को और विकसित करने के लिए पीजी स्तर के कोर्स भी शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा कंप्यूटर साइंस व इंजीनियरिंग कोर्स भी शुरू करने की तैयारी है।
आगामी दो साल में क्या करने की योजना है।
पठन-पाठन व अनुशासन को और बेहतर बनाना मुख्य प्राथमिकता है। इस क्रम में अनेक कदम उठाए गए हैं। खास कर गुणवत्तायुक्त शोध के लिए सभी शोधार्थियों को रिसर्च वेब पर आइडी बनाने का निर्देश दिया गया है। विवि में शोध अनुभाग का अलग से गठन किया गया है। यही नहीं नेट पास शोधार्थियों विश्वविद्यालय ने तीन हजार रुपये प्रतिमाह देने का निर्णय लिया गया है। पहली बार इसके लिए अलग कोष बनाया गया है।
ग्रेडिंग सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
नैक से अच्छी ग्रेडिंग मिले। इसके लिए हर सप्ताह समीक्षा की जा रही है। इस क्रम में आइएसओ का प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए ग्रीन आडिट, एकेडिमक आडिट व क्वालिटी आडिट कराने का निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय महत्व के दर्जा के लिए क्या प्रयास किया जा रहा है ?
विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिलाने के लिए इसका प्रस्ताव शिक्षा मंत्रालय व पीएमओ को भी भेजा गया है। यही नहीं व्यक्तिगत स्तर पर लगातार प्रयास जारी है।
अवैध कब्जा से मुक्त कराने के लिए विद्यापीठ ने क्या प्रयास किया?
विद्यापीठ की भूमि पर अवैध कब्जा हटवाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हाल में कि जिलाधिकारी के सहयोग से आचार्य नरेंद्रदेव छात्रावास के पीछे अवैध कब्जा से मुक्त कराने के लिए चिन्हांकन कराया गया है। वहीं विद्यापीठ रोड पर अवैध कब्जा के लिए शासन तक को पत्र लिखा गया है। वहीं शासन से फिर से चिन्हांकन कराने का सुझाव दिया है। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ी आपत्ति जताई है।
छात्रों की सुविधा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
विद्यार्थियों की समस्याओं के निदान के लिए छात्र निवारण प्रकोष्ठ, एक्टिविटी क्लब, ट्विटर हैंडिल, हेल्पलाइन नंबर, एंटी रोमियो समिति सहित अन्य समितियां गठित की गई है। स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए हरप्रसाद गुप्त इंक्यूबेशन फाउंडेशन, दस और स्मार्ट कक्ष बनाए जा रहे हैं। शैक्षिक आदान-प्रदान के कनाडा से समझौता किया गया है। इंटरनेशनल स्तर पर कई और समझौते की तैयारी चल रही है। वहीं अंकपत्र व प्रमाणपत्र डिजिलाकर अपलोड करा दिया गया है। इसके अलावा कैंपस सलेक्शन के लिए रोजगार मेला का भी आयोजन किया जा रहा है।
अध्यापकों व कर्मचारियों के लिए भी कोई योजना बनाई है?
अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों को हर साल सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही नेशनल व इंटरनेशनल सेमिनार में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों को 2500 रुपये देने की योजना है।
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