अंग्रेजी हुकूमत से खूब लड़े पं.तारकेश्वर पांडेय
वाराणसी : अंग्रेजी हुकूमत से खूब लड़े स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व सांसद पं. तारकेश्वर पांडेय। पंडित जी स्वयं में एक इतिहास व भारतीय राजनीति के युगदृष्टा थे। उनके विचारों को आत्मसात कर नई पीढ़ी सशक्त भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित कर सकती है।
उक्त विचार मंगलवार को स्वर्गीय पंडित तारकेश्वर पाण्डेय की 25वीं पुण्यतिथि पर वक्ताओं ने व्यक्त किए। सिगरा स्थित पं. तारकेश्वर नगर कालोनी, गुलाबबाग में आयोजित समारोह में स्वाधीनता सेनानियों व बुद्धिजीवियों ने अमर सेनानी को पूरी शिद्दत से याद किया। वक्ताओं ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के काल में पं.तारकेश्वर पांडेय की पांच होली फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार-पंजाब में बीती। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए वे बलिया, गाजीपुर, वाराणसी व जौनपुर की जेलों में भी बंद रहे। वह 1952 से 77 तक राज्यसभा व बलिया से
लोकसभा के सदस्य रहे। इससे पहले बलिया जिला बोर्ड के पहले अध्यक्ष बने। बलिया के टोला फकरूराय के मूल निवासी पं. तारकेश्वर पांडेय अपनी स्वच्छ, धवल व बेबाक छवि के कारण बलिया बागी के नाम से भी मशहूर हुए।
आरंभ में अतिथियों का स्वागत संस्थान के अध्यक्ष व पूर्व अपर नगर आयुक्त पं. सत्यप्रकाश पांडेय ने किया। कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी सम्मानित किया गया। विकास प्राधिकरण के संयुक्त सचिव सतीश चंद्र मिश्र ने माल्यार्पण कर विशिष्टजनों का स्वागत किया। उत्तराखंड के प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों को भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें चपाचप बनारसी, चंद्रकान्त, डॉ.राजेश दुबे, सिद्धनाथ शर्मा, चकाचौध ज्ञानपुरी ने अपनी रचनाओं से बांधा। समारोह में जस्टिस के.एन.पाण्डेय, पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो.सरोज चूड़ामणि, पूर्व सीएमएस डॉ.सिद्धगोपाल, जकप अध्यक्ष गंगा सहाय पाण्डेय, निर्मल कुमार, डॉ.टीपी सिंह, अरविंद श्रीवास्तव, रवींद्र उपाध्याय आदि ने भाग लिया। संयोजन एस.बैंक के वाइस चेयरमैन राहुल पाण्डेय व श्रेया पाण्डेय ने किया।
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