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    IIT BHU की कार्ययोजना पर असि नदी का डीपीआर बनाएगा बंधी प्रखंड, जीर्णोद्धार को लेकर हुई महत्वपूर्ण बैठक

    Updated: Sat, 21 Jun 2025 01:02 PM (IST)

    मुख्यमंत्री ने हाल ही विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा था कि काशी की पहचान असि व वरुणा है। असि नदी को अधिकारी ढूंढ निकाले। जिलाधिकारी की अध्यक्षत ...और पढ़ें

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    आइआइटी विशेषज्ञों ने प्रजेंटेशन के जरिए तकनीकी पक्ष समेत नदी की समग्र स्थिति रखी। जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। असि नदी को नवजीवन देने व जीर्णोद्धार की दिशा मंथन शुरू हो गया है। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के समक्ष इस नदी को लेकर समग्र कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण आईआईटी बीएचयू की ओर से किया गया। प्रस्तुतीकरण में असि नदी के लगभग आठ किलोमीटर लंबे स्ट्रेच एवं कैचमेंट एरिया में आने वाले छह तालाब के संबंध में तकनीकी रिपोर्ट तथा वर्तमान में उपलब्ध नदी के प्रारंभ होने से पूर्व से जनपद-प्रयागराज, भदोही एवं वाराणसी में लगभग 160 किलोमीटर लंबी पैलियोचैनल (एक निष्क्रिय, विलुप्त नदी की धारा का पुराना मार्ग) उपलब्धता की बात कही गई।

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    जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग (बंधी प्रखंड) को आईआईटी बीएचयू द्वारा प्रस्तुत कार्य योजना के आधार पर संशोधित डीपीआर तैयार कराने के निर्देश दिए। साथ ही अधिशासी अभियंता जल निगम को निर्देशित किया कि असि नदी के समीप एसटीपी से ट्रीटमेंट के उपरांत निकलने वाले जल को असि नदी में ले जाने के लिए क्या किया जा सकता है।

    इसका परीक्षण कर अवगत कराए। मुख्यमंत्री ने हाल ही विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा था कि काशी की पहचान असि व वरुणा है। असि नदी को अधिकारी ढूंढ निकाले। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी विषयों पर चर्चा हुई।

    बैठक में आईआईटी बीएचयू से डा. शिशिर गौड वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े तथा प्रो. प्रभात कुमार सिंह, प्रो. अनुराग ओझा एवं प्रो. बाला नायडू उपस्थित होकर तकनीकी पहलुओं से अवगत कराए। संचालन वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने किया।

    वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि असि नदी के जीर्णोद्धार एवं पुनः नदी के रूप में पुर्नस्थापन हेतु काम्प्रेहैंसिव प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने हेतु वीडीए व आईआईटी बीएचयू के मध्य एमओयू हुआ है। इसी क्रम में विशेषज्ञ कांप्रहेंसिव प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

    अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग भदोही को जिलाधिकारी ने निर्देशित किया गया कि आइआइटी बीएचयू के टीम के साथ स्थल निरीक्षण कर यह परीक्षण कर लें कि वर्तमान उपलब्ध कैनाल में अधिशेष जल को किस प्रकार असि नदी से लिंक किया जा सकता है। इसका परीक्षण कर अवगत कराया जाय।

    अपर नगर आयुक्त, नगर निगम को निर्देशित किया गया कि नदी के कैचमेंट क्षेत्र में अभियान चलाकर सफाई एवं कूड़ा उठाने की कार्यवाही पूर्ण करा ली जाए। नदी की संपूर्ण लंबाई में डिसिल्टिंग कार्यवाही भी प्राथमिकता पर की जाय। एक टीम बनाई जाए और यह सुनिश्चित करें कि नदी में कूड़ा न फेंक सके।

    एसडीएम, सदर को निर्देशित किया कि राजस्व अभिलेखों में असि नदी के संबंध में इंट्री आदि की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। राजस्व विभाग समेकित रूप से इसका परीक्षण कर प्राथमिकता पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।