Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    यूपी के इस गांव में पत्नी की लंबी आयु के लिए पति रखते हैं व्रत, बड़ी दिलचस्प है कहानी

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    सफीपुर के मिर्जापुर गांव में पत्नी की लंबी आयु के लिए शुरू हुआ व्रत अब परंपरा बन गया है। युवा भी प्रेरित होकर इसे निभा रहे हैं, जिससे पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत हो रहा है। पत्नी पंचमी व्रत की शुरुआत डा. प्रमोद कुशवाहा ने की थी, जिसे अब सफीपुर और आसपास के जिलों में भी मनाया जा रहा है। पुरुष अपनी पत्नियों के लिए व्रत रखकर आशीर्वाद लेते हैं।

    Hero Image

    यूपी के इस गांव में पत्नी की लंबी आयु के लिए पति रखते हैं व्रत, बड़ी दिलचस्प है कहानी

    संवाद सहयोगी, सफीपुर। विकासखंड क्षेत्र के मिर्जापुर गांव से पत्नी की लंबी आयु के लिए एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई व्रत रखने की प्रक्रिया अब परंपरा बन चुकी है। परंपरा का पालन करने में क्या अधेड़ क्या युवा सब इसे अपनी जीवन संगिनी के लिए जरूरी मानते हुए हर साल कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुरुआत में जहां पहले इसका मजाक बना था तो अब युवा भी इससे प्रेरित हैं। जिसे देखते हुए दर्जनों लोग इस व्रत को रखकर समाज में पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूती देने का जरिया मानने लगे हैं। इस वर्ष भी इस पंरपरा को दर्जनों जोड़ों ने बाखूबी निभाया।

    पत्नी पंचमी व्रत रखने की परंपरा कवि एवं साहित्यकार डा प्रमोद कुशवाहा ने शुरू की थी। पहले तो इस व्रत को कई लोगों ने मजाक समझा लेकिन पुरुष प्रधान समाज में जब महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण की बात तेज हुई तो युवाओं ने इसे एक नई सोच के रूप में अपनाया।

    उनका मानना है कि पति-पत्नी जीवन की एक डोर हैं और इस रिश्ते को और मजबूत बनाने के लिए पुरुषों को भी अपनी जीवन संगिनी के मंगलमय जीवन की कामना करनी चाहिए। लगभग पांच वर्ष पूर्व मिर्जापुर गांव से शुरुआत हुई थी। यह व्रत अब सफीपुर ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों में भी रखा जा रहा है। बड़ी संख्या में पुरुष इस दिन व्रत रखकर सूर्यास्त के बाद अपनी पत्नियों से व्रत तुड़वाते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

    इस वर्ष भी डा प्रमोद कुशवाहा, बलराम मिश्र, राजेश शर्मा, शिक्षक उमेश मौर्या, सुधीर मौर्य, रुद्र तिवारी, डा संतोष विश्वकर्मा, प्रधान प्रतिनिधि सुनील कुशवाहा, संजीव कुशवाहा, विमलेश कुशवाहा, राजेश कुशवाहा, पुत्तन सिंह और अनूप हिंदू आदि ने अपनी पत्नियों के लिए व्रत रखा। व्रत के अंत में सभी पत्नियों ने अपने पतियों से व्रत तुड़वाकर उनका आशीर्वाद लिया। पत्नी पंचमी व्रत अब एक नई सामाजिक सोच का प्रतीक बनता जा रहा है।