UP News: कोर्ट ने सगे भाइयों समेत पांच को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, खंभे में बांधकर की थी युवक की हत्या
उन्नाव में एक युवक की हत्या के मामले में अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 53-53 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है यह मामला 2016 का है जब एक युवक की खंभे में बांधकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी जिसमें पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था और अदालत ने सबूतों के आधार पर आरोपियों को दोषी ठहराया है।

जागरण संवाददाता, उन्नाव। औरास क्षेत्र में खंभे में बांध कर युवक की पीट-पीट कर हत्या के मामले में साेमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या प्रथम ने फैसला सुना दिया। न्यायालय ने मुकदमे के दो सगे भाइयों समेत पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया।
अभियोजन की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला जज ने पांचों अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 53-53 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड अदा न करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास दिए जाने का आदेश दिया है।
यह है पूरा मामला
औरास क्षेत्र के गांव हाथीखेड़ा निवासी रमेश ने दो जुलाई 2016 को थाने में तहरीर देकर बताया कि उसका भाई रामबली श्यामपुर औरास निवासी बहन के घर रहकर पास के गांव दुर्गागढ़ी स्थित जयकृष्ण इंटर कॉलेज की रात के समय रखवाली करता था।
एक जुलाई 2016 को श्यामपुर गांव निवासी रामकिशन मौर्य और उसके सगे भाई गंगाप्रसाद मौर्य के अलावा अनंतपाल, सोने लाल मौर्य, हरिप्रसाद राठौर के मवेशी विद्यालय परिसर में घुस आए थे, जिसका उलाहना देने उसका भाई उनके घर गया था।
उक्त लोगों ने उसे खंभे में बांध कर मारा पीटा था, जिससे रामबली गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे ग्रामीण मियागंज सीएचसी ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उक्त लोगों सूचना पर पहुंचे वादी को भी मारापीटा था।
पुलिस ने भाई की तहरीर पर उक्त पांच लोगों के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को जेल भेज दिया था। बाद में मुकदमे के विवेचक जितेंद्र कुमार सिंह ने 10 सितंबर 2016 को उक्त पांचों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
दलीलों को सुनने के बाद पांचों आरोपी दोषी करार
मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या एक में चल रही थी। जहां सोमवार को न्यायाधीश मो. असलम सिद्दीकी ने जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता क्रिमिनल की दलीलों को सुनने के बाद पांचों आरोपी अनंतपाल, सोने लाल, हरिप्रसाद, रामकिशन और उसके भाई गंगाप्रसाद को दोषी करार दिया।
न्यायालय ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 53-53 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास दिए जाने का अभी आदेश दिया है।
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