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    महिला की गला दबाकर कर दी गई थी हत्या, अलग रह रहे पति ने लड़ी इंसाफ की लड़ाई, दो को आजीवन कारावास

    By amit mishra Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Mon, 21 Jul 2025 09:07 PM (IST)

    उन्नाव के लोक नगर में एक महिला की गला दबाकर हत्या के मामले में न्यायालय ने दो आरोपितो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मृतक महिला किराए के कमरे में रहती थी। पति ने पुलिस को बताया कि श्यामू पासवान और लाला उर्फ राजेश धोबी ने उसकी पत्नी के साथ झगड़ा किया था जिसके बाद उसकी हत्या हो गई।

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    महिला की गला दबाकर हत्या में दो को आजीवन कारावास।

    जागरण संवाददाता, उन्नाव। उन्नाव के सदर क्षेत्र के लोक नगर मुहल्ले में महिला की संदिग्ध हालात में गला दबा कर हत्या किए जाने के मामले में सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर सात ने फैसला सुनाया।न्यायालय ने दो आरोपितों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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    लोक नगर में एक किराये का कमरा लेकर रहने महिला की तीन जुलाई 2021 को गला दबा कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पांच जुलाई 2021 को दिवंगत महिला के पति गंगाघाट क्षेत्र के आजाद नगर मुहल्ला निवासी सुनील ने एक तहरीर दी। जिसमें उसने बताया कि उसका विवाह लगभग 27 वर्ष पूर्व सोहरामऊ क्षेत्र के गांव हिम्मतगढ़ निवासी रामलली से हुआ था। जिससे दोनों को तीन बच्चे थे।

    शादी के करीब पांच छह साल बाद दंपती के बीच विवाद हो गया। जिसके बाद पत्नी रामलली घर छोड़ कर मायके में रहने लगी। इसी के बाद तीन जुलाई 2021 की रात उसे रामलली के भाई अजय का फोन आया। जिसमें उसने बताया कि रामलली की मौत हो गई है और उसका शव जिला अस्पताल में रखा है।

    अजय के अनुसार उसे इसकी जानकारी किसी पूजा नाम की महिला ने दी थी। चार जुलाई की भोर जब वह जिला अस्पताल पहुंचा, तो पूजा उसे मौके पर मिली और बताया कि वह कानपुर नौबस्ता की निवासी है और रामलली से मिलने आया करती थी।

    तीन जुलाई की सुबह वह रामलली के कमरे पर सो रही थी, तभी लोकनगर निवासी श्यामू पासवान और जुराखन खेड़ा निवासी लाला उर्फ राजेश धोबी वहां आकर बेड पर लेट गए। इससे नाराज रामलली ने दोनों को मारपीट कर भाग दिया था।

    इसके बाद शाम पांच बजे दोनों फिर से कमरे पर आ गए। इस बीच वहां कुशपाल सिंह नाम का व्यक्ति मौजूद था। उक्त दोनों ने मुझे और कुशलपाल को समोसा लेने भेज दिया। जब कुछ समय बाद दोनों लौटे तो देखा कि रामलली कमरे में बेसुध पड़ी थी। इस पर वह रामलली को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

    पुलिस ने पति सुनील की तहरीर पर उक्त दोनों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट कर छह जुलाई 2021 को उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी। इसके बाद मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या सात में हुई। जहां सोमवार को अपर जिला जज जयवीर सिंह नागर ने विशेष लोक अभियोजक हरीश अवस्थी की दलीलों को सुनने और साक्ष्यों को परखने के बाद न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।