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    पत्नी संग मिलकर उसके प्रेमी को मार डाला, कोर्ट ने 7 साल बाद बाद हत्यारे को उम्रकैद की सजा सुनाई

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 07:50 PM (IST)

    फतेहपुर चौरासी में अवैध संबंधों के चलते युवक की हत्या के मामले में न्यायालय ने एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मृतक के पिता ने कुछ लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था जिसमें एक महिला भी शामिल थी। न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में महिला को दोष मुक्त कर दिया। मृतक के पिता ने उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही है।

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    अवैध संबंधों के संदेह पर युवक की हत्या में एक को आजीवन कारावास।

    जागरण संवाददाता, उन्नाव। फतेहपुर चौरासी क्षेत्र में अवैध संबंधों के चलते युवक की धारदार हथियार से की गई हत्या के मामलें न्यायालय ने सोमवार को फैसला सुना दिया।

    अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या तीन ने अभियोजन की पैरवी के बाद एक आरोपित को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं साक्ष्यों के अभाव में आरोपित महिला को न्यायालय ने दोष मुक्त कर दिया।

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    फतेहपुर चौरासी क्षेत्र के गांव पट्टी उस्मान गांव निवासी रामकुमार के बेटे रामू के गांव की एक महिला से अवैध संबंध थे। इस बात की जानकारी होने पर महिला के पति ने पांच जुलाई 2018 की रात करीब नौ बजे रामू को महिला के माध्यम से फोन करके बाहर एक स्थान पर बुलाया।

    फोन पर बात होते ही रामू घर से निकल गया, और फिर काफी समय बाद तक नहीं लौटा। पिता ने पास पड़ोस व रिश्तेदारी में खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। छह जुलाई की सुबह खेत जा रहे पप्पू, सन्नू, सारू व शीलू ने रामू ने शव गांव के बाहर कब्रिस्तान में पड़ा देखा, और स्वजन को सूचना दी।

    रामू के पिता राजकुमार ने गांव के फिरोज उर्फ छोटक्के, रज्जन पुत्र नन्हके, गुड्डू पुत्र शमशेर और मेंहदी हसन पुत्र वासअली को नामजद कराते हुए हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। मुकदमे के विवेचक ने विवेचना के दौरान फिरोज की पत्नी समरून का नाम शामिल करा लिया।

    जबकि मेंहदी, रज्जन व गुड्डू का नाम बाहर कर दिया। मुकदमें की सुनवाई सोमवार को अपर सत्र न्यायालय तृतीय में करते हुए न्यायाधीश ममता सिंह ने अभियोजन अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनय शंकर दीक्षित व रामसुमेर सिंह की दलीलें सुनने और साक्ष्यों को परखने के बाद फिरोज उर्फ छोटक्के को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि फिरोज की पत्नी साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया।

    उच्च न्यायालय में अपील करेंगे पिता

    मृतक रामू के पिता राजकुमार ने कहा कि आज खुशी मिली है। सात साल जरूर लगे लेकिन हत्यारे को सजा मिली। लेकिन अभी भी बताया कि न्यायालय के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि आरोपित महिला समरून को सजा दिलाने के लिए हाईकोर्ट की शरण लेंगे।