उन्नाव में करोड़ों का घोटाला! प्रशासकों ने 7.56 करोड़ रुपये का गबन किया, जांच अब भी अधूरी
उन्नाव में प्रशासकों ने विकास के नाम पर करोड़ों रुपये की अनियमित निकासी की। शान की रिपोर्ट पर जांच टीम बनी पर दो साल बाद भी 9 ब्लॉकों की रिपोर्ट नहीं आई। एडीओ पंचायत ने नियम विरुद्ध 7.54 करोड़ रुपये निकाले। जिला प्रशासन ने जांच के लिए टीमें बनाईं लेकिन रिपोर्ट अभी भी अधूरी है। सीडीओ ने रिमाइंडर जारी किया है।

जागरण संवाददाता, उन्नाव। प्रधानों के न्यूट्रल कार्यकाल में ग्राम पंचायत का कार्य न रुके। इस व्यवस्था के लिए महज कुछ दिनों के लिए बनाए गए प्रशासक गांव में विकास तो नहीं कर पाए लेकिन विकास के नाम पर करोड़ों रुपये की अनियमित निकासी जरूर कर ली।
लगभग ढाई साल पहले शान द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर जिला मुख्यालय में जांच के लिए टीम गठित तो की गई लेकिन जांच प्रक्रिया कछुआ चाल से भी सुस्त रही। जिसका परिणाम है कि दो साल पहले शुरू हुई जांच के बावजूद अब तक 9 ब्लॉक की रिपोर्ट जिले में नहीं आ सकी है।
पंचायतीराज विभाग में पिछले चुनावी कार्यकाल के दौरान प्रशासक अवधि में एडीओ पंचायत के 7.56 करोड़ निकालने के मामले में पांच ब्लाकों की रिपोर्ट मिल गई है। जबकि, अभी नौ शेष हैं। डीपीआरओ आलोक सिन्हा ने बताया कि नवनिर्वाचित प्रधानों के शपथ गृहण के बीच पांच मई से 25 मई 2021 के बीच प्रशासक के पद पर तैनात रहे एडीओ पंचायतों ने नियम विरुद्ध 7.54 करोड़ रुपये ग्राम निधि खाते से निकाल लिए थे।
जिला प्रशासन ने पिछले साल अगस्त में मामले की जांच के लिए सात टीमें गठित की थीं। टीमों को निर्देश दिए थे कि एक माह में जांच पूरी करके रिपोर्ट दें। 2025 का अगस्त आ गया लेकिन अभी तक विभाग के पास विकासखंड सफीपुर, हिलौली, बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी व असोहा की ही जांच रिपोर्ट पहुंची है।
जबकि, शेष नौ ब्लाकों में बिछिया, बीघापुर, गंजमुरादाबाद, हसनगंज, मियागंज, नवाबगंज, सिकंदरपुर सरोसी, सिकंदरपुर कर्ण व सुमेरपुर की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। मामले में सीडीओ कृति राज की ओर से रिमाइंडर जारी किया गया है। सभी ब्लाकों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताया जा सकेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।