यूपी के इस जिले में शिक्षा का बढ़ेगा स्तर, 5.48 करोड़ से 137 ग्राम पंचायतों में बनेंगी लाइब्रेरी
उन्नाव जनपद की 137 ग्राम पंचायतों में 5.48 करोड़ रुपये के बजट से 137 लाइब्रेरी बनेंगी। प्रत्येक लाइब्रेरी पर चार लाख रुपये खर्च होंगे। जिला पंचायती रा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, उन्नाव। जनपद की 137 ग्राम पंचायतों में 5.48 करोड़ रुपये के बजट से 137 लाइब्रेरी बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। प्रति लाइब्रेरी सुविधाओं व व्यवस्थाओं पर चार लाख रुपये के हिसाब से खर्च होगा। जिसके लिए टेंडर हो गया है। फर्म ने पहले 50 प्रतिशत धनराशि मिलने पर ही सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही है। इसका आदेश भी डीपीआरओ को मिल गया है।
भुगतान के लिए डीपीआरओ आलोक सिन्हा ने कोषागार अधिकारी से सुझाव मांगे हैं। लगभग दो साल पहले जिलाधिकारी गौरांग राठी नवाचार ग्राम ज्ञानालय की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने गांव में इस प्रकार की लाइब्रेरी बनाए जाने का शासनादेश जारी किया था। ग्राम पंचायतों के अंतर्गत पहले चरण में 274 के सापेक्ष 137 गांव में लाइब्रेरी तैयार की जाएंगी।
जिला पंचायती राज विभाग ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी की स्थापना करवाएगा। आधुनिक लाइब्रेरी में डिजिटल संसाधनों से जहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए युवाओं को व्यवस्था की जाएगी।
डीपीआरओ आलोक सिन्हा ने बताया कि जनपद में अभी जिन ग्राम पंचायत के पंचायत भवनों में तीन से ज्यादा कक्ष हैं वहां लाइब्रेरी की स्थापना करने की योजना है। इसके लिए विभाग को बजट की उपलब्धता हो चुका है।
लाइब्रेरी में पाठ्य पुस्तक और कंप्यूटर, प्रिंटर, टीवी देने के लिए संस्था का चयन हो गया है। फर्नीचर के लिए भी टेंडर पड़ चुके हैं। शुक्रवार को इसे खोला जाएगा। दावा किया जा रहा है कि इसी माह लाइब्रेरी की सारी व्यवस्थाओं को पूरा करके नववर्ष 2026 में गांव के छात्रों को लाइब्रेरी का उपहार दिया जाएगा।
जिसके बाद प्रतियोगी परीक्षा के लिए शहरों की परिक्रमा करने वाले छात्र-छात्राओं को सहूलियत मिलेगी। बताया कि प्रति लाइब्रेरी में सुविधाओं व व्यवस्थाओं पर चार लाख रुपये के हिसाब से 5.48 करोड़ रुपये का बजट मिला है।
फर्म ने पहले 50 प्रतिशत धनराशि मिलने पर ही सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही है। इसका मौखिक आदेश भी डीपीआरओ को बैठक में मिल गया है। भुगतान के लिए डीपीआरओ ने कोषागार अधिकारी से सुझाव मांगे हैं।
लाइब्रेरी में यह होंगी व्यवस्थाएं
70 हजार रुपये का फर्नीचर, 1.30 लाख रुपए से कंप्यूटर, टीवी, प्रिंटर, 1.80 लाख रुपये से लाइब्रेरी की किताबों की उपलब्धता कराई जाएगी। 20 हजार रुपए डिजिटल सब्सक्रिप्शन पर खर्च होंगे।
एनबीटी देगी किताबें
नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) जो कि सरकारी संस्था है। उसे 90 हजार में बुक उपलब्ध कराने का आदेश हैं। वहीं अन्य प्रकाशक को पुस्तकों की जरूरत को पूरा कराना होगा।

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