Unnao News: उन्नाव कबाड़ फैक्ट्री में भीषण आग, दो मंजिला इमारत ढही
उन्नाव के मगरवारा औद्योगिक क्षेत्र में एक कबाड़ फैक्ट्री में भीषण आग लग गई जिससे दो मंजिला इमारत ढह गई। आग लगने का कारण प्लास्टिक के रा मटेरियल का इकट्ठा होना बताया जा रहा है। उन्नाव और कानपुर से आई फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने चार घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया। इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव। सदर क्षेत्र के अकरमपुर औद्योगिक क्षेत्र में नेहरूबाग स्थित प्लास्टिक का रा-मेटेरियल (कबाड़) इकठ्ठा करने वाली फैक्ट्री में शुक्रवार रात करीब एक बजे पहली मंजिल में आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि फैक्ट्री की दो मंजिला इमारत ढह गई। आग बुझाने पहुंचे सीएफओ अनूप सिंह खुद को बचाने की कोशिश में भागने के दौरान गिरकर घायल हो गए। अन्य दमकल कर्मियों को भी चोटें आई हैं। सदर व बीघापुर से पांच व कानपुर की दो दमकल ने नौ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फैक्ट्री मालिक ने शार्ट-सर्किट से आग लगने का अंदेशा जता करीब 1.5 करोड़ के नुकसान की बात कही है। चर्चा है कि फैक्ट्री में कोई भी सुरक्षा उपकरण नहीं थे।
शुक्लागंज के गंगानगर निवासी आशीष साहू की नेहरूबाग में करीब 10 साल पुरानी दो मंजिला प्लास्टिक फैक्ट्री है। जिसमें रा मेटेरियल इकट्ठा कर ग्राइंडिंग कर चूरा बना बिक्री किया जाता है। शुक्रवार रात करीब एक बजे अचानक फैक्ट्री में आग लग गई। आग लगने की सूचना चौकीदार ने फैक्ट्री के मालिक आशीष साहू को दी। मौके पर पहुंचे आशीष ने चौकी पुलिस व अग्निशमन विभाग को घटना की जानकारी दी। दो दमकल के साथ अग्निशमन कर्मी मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। प्लास्टिक का रा-मेटेरियल होने से आग की लपटें लोगों को डरा रही थी। आग काबू में न आता देख बीघापुर व कानपुर से दो दमकल बुलाई गई।
सीएफओ अनूप सिंह व सदर कोतवाल अवनीश भी घटना की जानकारी पर पहुंच गए और आग बुझाने में कर्मियों की मदद शुरू की। इसी दौरान फैक्ट्री की पहली मंजिल भरभराकर ढह गई। आग बुझा रहे कर्मी जान बचाने के लिए भाग पड़े। कई गिरने से चोटिल हो गए। सीएफओ अनूप सिंह को भी चोटें आईं। करीब एक घंटे बाद नीचे का हिस्सा भी ढहकर मलबे में तब्दील हो गया। आग लगने से कोई जनहानि नहीं हुई है। रात एक बजे लगी आग पर सुबह 10 बजे काबू पाया जा सका। फैक्ट्री मालिक शुक्लागंज गंगानगर निवासी आशीष साहू ने बताया कि आग लगने से इमारत सहित करीब 1.50 करोड़ का नुकसान हुआ है।
सुना गया बड़ा धमाका, सहम गए कर्मी
आग बुझा रहे अग्निशमन कर्मियों के सामने एक तेज धमाका भी हुआ। अंदेशा है कि यह धमाका फैक्ट्री में रखे गैस सिलेंडर के फटने का भी हो सकता है।हालांकि सिलेंडर की अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी है। दमकल कर्मियाें के अनुसार फैक्ट्री में आग बुझाने का कोई भी उपकरण मौजूद नहीं मिला। पालीथिन व अन्य प्लास्टिक का सामान इकट्ठा होने से आग लगातार भड़कती रही।
बगल की फैक्ट्री भी चपेट में आ गई, कार व मैटेरियल जला
आग लगने से बगल की फैक्ट्री भी चपेट में आ गई। इस फैक्ट्री में टिन व लोहे की चादर से पीपे व अन्य चीजें बनती हैं। यहां काम करने वाले आकाश शर्मा ने बताया कि उनकी फैक्ट्री भी कुछ देर बाद आग की चपेट में आ गई। जिससे मशीन रा मेटेरियल व कार जलने से लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। आग का विकराल रूप देख पास की करीब 1 दर्जन फैक्ट्रियों में मौजूद गार्ड को वहां से हटाया गया। पानी की बौछार कर दमकल ने आग बढ़ने नहीं दी। स्थानीय लोगों के अनुसार इमारत न गिरती तो आग से आसपास की फैक्ट्रियों को बड़ा नुकसान हो सकता था।
कार के वेयर हाउस, कबाड़ व तौलिया फैक्ट्री में लग चुकी आग
इससे पहले नेहरू बाग में ही एक कार के वेयर हाउस, कबाड़ व तौलिया फैक्ट्री में आग लग चुकी है। अग्निशमन विभाग की ओर से नोटिस दी गई थी। कार के वेयर हाउस में आग लगने के बाद हुई जांच में मिली अनियमितता के बाद रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी।
बिना फायर एनओसी के संचालित हैं कई फैक्ट्री
मानक के विपरीत बिना एनओसी के औद्योगिक क्षेत्रों में कई छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां संचालित हैं। अग्निशमन उपकरण के नाम पर इन फैक्ट्रियों में एक दो फायर सिलेंडर को छोड़ कोई संसाधन मौजूद नहीं है। इसके बाद भी जिम्मेदार इन पर नजर नहीं डालते। कार्रवाई के नाम पर हो रही खानापूरी के चलते हर साल किसी न किसी फैक्ट्री में आग लगती है और बड़े हादसे की संभावना बन जाती है।
फैक्ट्री 10 साल पुरानी है। आग लगने की सूचना रात 1.01 बजे मिली थी। सात मिनट के अंतराल में दमकल मौके पर पहुंच गई थी। फैक्ट्री का कवर एरिया 500 स्क्वायर फीट है, इसलिए एनओसी की जरूरत नहीं है। सुरक्षा उपकरण फैक्ट्री में थे या नहीं इसकी जांच की जा रही है। जो भी फैक्ट्री बिना एनओसी के चल रही हैं, अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
अनूप सिंह, सीएफओ
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