11 किलो सोना लूट कांड में अभियोजन फेल, 19 साल बाद बरी हो गए वारदात के आरोपित
उन्नाव में 2006 में हुए 11 किलो सोना लूटकांड जिसमें चालक की हत्या कर दी गई थी फिर से चर्चा में है। इस मामले में पहले आरोपियों को 2017 में साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया था। अब गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई में भी न्यायालय ने शेष आठ आरोपियों को बरी कर दिया है क्योंकि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा।

जागरण संवाददाता, उन्नाव । सदर क्षेत्र में मगरवारा अकरमपुर के बीच 19 दिसंबर 2006 की सुबह करीब आठ बजे कार चालक की हत्या कर 11 किलो सोना लूट कांड एक बार फिर चर्चा में आ गया। हत्यायुक्त लूट कांड में पुलिस द्वारा जिन 12 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, उन्हें आठ साल पहले 14 अप्रैल 2017 को ही न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया था।
उसी मामले में की आरोपितों पर की गई गैंग्सटर एक्ट की कार्रवाई में विशेष न्यायालय गैंग्सटर कोर्ट संख्या पांच में अभियोजन फेल हो गया। नतीजा न्यायालय में मुकदमे में शेष बचे आठ आरोपितों को शुक्रवार दोष मुक्त कर दिया।
19 दिसंबर 2006 को सोना लुटरों ने फैला दी थी सनसनी
कानपुर चौक सर्राफा निवासी कैलाश नाथ अग्रवाल की फर्म राधा मोहन पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स सोना चांदी का कारोबार करते थे। 19 दिसंबर 2006 को कड़ाके की सर्दी के बीच उन्होंने अपने चालक राजकिशोर उर्फ छोटू मूल निवासी रवींद्र सराय कोलकाता से 11 किलो सोना की डिलिवरी लखनऊ के व्यापारियों को करने के लिए भेजा गया था।
सुबह साढ़े सात बजे सदर कोतवाली क्षेत्र के मगरवारा-अकरमपुर के बीच कानपुर की तरफ से आ रही एक क्वालिस कार को पहले से घात लगाकर बैठे कुछ लोगों ने रोका और चालक छोटू के सिर पर गोली मार हत्या करते हुए 11 किलो सोना लूट कर पूरे प्रदेश में लुटेरों ने सनसनी फैला दी थी। आइजी, डीआइजी समेत तमाम बड़े पुलिस अधिकारी मौके पर जांच के लिए पहुंचे थे। पुलिस की कई टीमों के साथ एसटीएफ को जांच के लिए लगाया गया।
सात किलो सोना 30 लाख नकद बरामद कर 12 को बनाया था आरोपी
पुलिस ने 11 जनवरी 2007 को पुलिस ने आरोपित अजयपाल को गिरफ्तार किया। इसके बाद एक एक करके कुल 12 आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने सात किलो सोना और 30 लाख रुपये बरामद करते हुए घटना का राजफाश कर सभी को जेल भेज दिया था।
मुकदमे के विवेचकों ने आरोपित रमाकांत यादव, अजयपाल सिंह, नागेंद्र सिर्फ उर्फ राजू, शिवकेश तिवारी, जगत नारायण अवस्थी, राकेश कुमार शुक्ला, मदनपाल, मनोज कुमार गुप्ता, सुशील गुप्ता, सुनील सिंह, श्रीपाल, सूर्यप्रकाश सिंह के खिलाफ हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर ट्रायल शुरू हुआ।
इस बीच सुनील सिंह, श्रीपाल, सूर्यप्रकाश सिंह की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। करीब नौ साल तक अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में हत्या युक्त सोना लूट कांड की सुनवाई चली। जिसमें 14 अप्रैल 2017 को एडीजे दिनेश कुमार सिंह ने शेष बचे आठ आरोपित रमाकांत यादव, अजयपाल सिंह, नागेंद्र सिर्फ उर्फ राजू, शिवकेश तिवारी, जगत नारायण अवस्थी, राकेश कुमार शुक्ला, मदनपाल, मनोज कुमार गुप्ता, सुशील गुप्ता को दोष मुक्त कर दिया था।
24 फरवरी 2007 को 12 पर की थी गैंग्सटर एक्ट की कार्रवाई
सोना लूट कांड का राजफाश करने के बाद तत्कालीन सदर कोतवाली प्रभारी प्रबल प्रताप सिंह ने 12 रमाकांत यादव, अजयपाल सिंह, नागेंद्र सिर्फ उर्फ राजू, शिवकेश तिवारी, जगत नारायण अवस्थी, राकेश कुमार शुक्ला, मदनपाल, मनोज कुमार गुप्ता, सुशील गुप्ता, सुनील सिंह, श्रीपाल, सूर्यप्रकाश सिंह के खिलाफ गैंग्सटर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
विवेचक रिजवान अब्बास ने न्यायालय में उक्त सभी 12 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। 16 जनवरी 2008 को मुकदमे की सुनवाई गैंग्सटर न्यायालय में शुरू हुई। इस बीच श्रीपाल, सुनील सिंह और सूर्य प्रकाश सिंह की मौत हो गई।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष से आरोपितों के अधिवक्ता रहे मनीष कुमार सिंह सोलंकी, सुरेश पांडेय ने अभियोजन की तरफ से दिखाए गए साक्ष्य, गवाहों और दलीलों पर जिरह करते हुए बताया कि विवेचना के दौरान आरोपितों के पास से कोई भी चल अचल संपत्ति नहीं पाई गई। न ही कुर्क किया गया। कोई आपराधिक मुकदमे भी सामने नहीं आए।
एक बार फिर अभियोजन अति गंभीर चर्चित मामले में आरोपितों पर दोष साबित नहीं कर पाया। जिसके बाद अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश गैंग्सटर एक्ट निवेदिता अस्थाना ने सभी आठ आरोपितों को दोष मुक्त कर दिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।