Unnao News: उन्नाव में आरपीएफ जवान की सीने में दर्द से मौत, सदमे में पिता ने भी दम तोड़ा
उन्नाव के गोसाईखेड़ा गांव में एक दुखद घटना घटी। मुंबई में तैनात आरपीएफ जवान जितेंद्र की हैदराबाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। पिता रामकुमार जो पहले से ही अस्पताल में भर्ती थे बेटे की मौत की खबर सुनकर सदमे में चल बसे। शुक्रवार को रामकुमार का अंतिम संस्कार किया गया जबकि जितेंद्र का शव देर रात तक आने की संभावना है।

संवाद सहयोगी, पाटन (उन्नाव)। बीमार पिता को देखने मुंबई से घर आ रहे आरपीएफ जवान की सीने में तेज दर्द उठने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। बीमार पिता को जैसे ही बेटे की मौत की खबर मिली, सदमे में उनकी भी जान चली गई। पिता-पुत्र की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। शुक्रवार को गमगीन माहौल में बक्सर घाट पर वृद्ध के शव का अंतिम संस्कार किया गया। देर रात तक बेटे के शव आने की स्वजन ने बात कही है।
बिहार क्षेत्र के गोसाईखेड़ा गांव निवासी 70 वर्षीय रामकुमार का 37 वर्षीय बेटा जितेंद्र आरपीएफ में सिपाही था। मौजूदा समय में वह 12वीं बटालियन मुंबई में तैनात था। छह दिन से बीमारी के चलते पिता रामकुमार रायबरेली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। पिता को देखने के लिए छुट्टी लेकर बेटे जितेंद्र ने गुरुवार सुबह 10 बजे मुंबई से फ्लाइट पकड़ी और हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से घर जाने के लिए दूसरी फ्लाइट पकड़ने के लिए चले ही थे कि एयरपोर्ट पर ही अचानक उसके सीने में तेज दर्द होने लगा।
तत्काल उसे हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान जितेंद्र ने दम तोड़ दिया। हैदराबाद में रह रहे रिश्तेदार रतीपाल व बहन रूपा अपोलो अस्पताल पहुंचे और शव देख बेहाल हो गए। उन्होंने स्वजन को जितेंद्र की मौत की जानकारी दी। ग्रामीणों के अनुसार रायबरेली के एम्स में भर्ती रामकुमार को जैसे ही बेटे की मौत की जानकारी मिली, सदमे में उनकी भी जान चली गई। पिता-पुत्र की मौत से घर में कोहराम मच गया। वृद्ध रामकुमार का शव शुक्रवार दोपहर दो बजे रायबरेली से घर पहुंचा।
गमगीन माहौल में बक्सर घाट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया। दिवंगत रामकुमार के तीन पुत्रों में जितेंद्र दूसरे नंबर का था। बड़ा धर्मेंद्र व छोटा सत्येंद्र है। दो पुत्रियों में रूपा और मुन्नी है। सभी की शादी हो चुकी है। आरपीएफ जवान जितेंद्र व ससुर रामकुमार की मौत से पत्नी पूजा बेसुध हो गई। उसे चार वर्षीय बेटे की परवरिश की चिंता सता रही है। रोते हुए बार-बार यही कहती रही कि अब वह किसके सहारे जिएगी। सास शांति की पहले ही मौत हो चुकी है।
थानाध्यक्ष राहुल सिंह जानकारी पर गांव पहुंचे और स्वजन को ढांढस बंधाया। रिश्तेदार रतीपाल व बहन जितेंद्र का शव लेकर हैदराबाद से निकले हैं। स्वजन ने रात तक शव घर पहुंचने की संभावना जताई है।

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