बाघ को खोजती रहीं टीमें, मिले पग चिह्न
संवाद सूत्र औरास थानाक्षेत्र के रामपुर-गढ़ौवा गांव में गुरुवार शाम खेत गए दो किसानों पर ह ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, औरास : थानाक्षेत्र के रामपुर-गढ़ौवा गांव में गुरुवार शाम खेत गए दो किसानों पर हमला करने वाले बाघ का पांचवें दिन भी पता नहीं चल सका। हमले में एक किसान की मौत हुई थी जबकि दूसरा घायल हो गया था। तभी से उसे खोजने में लगी वन विभाग की टीमें कांबिग कर रही हैं, लेकिन चतुर बाघ उन्हें ढूंढे नहीं मिल रहा है।
बता दें कि वन विभाग लखनऊ मंडल के अधिकारियों ने शुक्रवार को बाघ के लखनऊ की सीमा में जाने की बात कही थी। लेकिन, शनिवार को रामपुर गढ़ौवा व मीठेपुर गांव के पास जंगल में दोपहर फिर उसकी दहाड़ सुन ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी थी। दो घंटे बाद पहुंची टीम पर लोगों ने हीलाहवाली करने का आरोप लगा जाम लगाया था। जिस पर डीएफओ ने उन्हें शांत कराया था। रविवार को गेरुआ, नंदौली व कस्बा औरास के नहर पट्टी व खेतों में उसके ताजे पग चिह्न मिले थे। इसके बाद पिजरा व एक बकरा भी रखा गया था। लेकिन बाघ वहां नहीं गया। शाम तक लखीमपुर (पीलीभीत) से आई वन विभाग की विशेष टीम के सदस्यों ने भी छानबीन की और हिसक जानवर की क्षेत्र में ही होने की बात कही थी। पांचवें दिन क्षेत्र के रजना खेड़ा, सीमऊ व दयाल खेड़ा में टीम ने पश्चिम की ओर जाने के पगचिन्ह देखे। डीएफओ ईशा तिवारी ने बताया कि रामपुर गढ़ौवा को छोड़कर औरास के पास से निकली शारदा नहर के किनारे वाले गांव रजना खेड़ा व सीमऊ में फिर सोमवार शाम पांच बजे दयाल खेड़ा गांव के पास खेतों व नहर व बंबी पर पगचिह्न देखे गए हैं। अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। बाघ का मूवमेंट हरदोई की सीमा की ओर लग रहा है। फिर भी टीमों को जहां सूचना मिल रही है वहां कांबिग कराई जा रही है। लोगों को बचाव करने व घर से अकेले न निकलने को कहा गया है। कांबिग के दौरान डीएफओ ईशा तिवारी, एसडीओ वन बांगरमऊ प्रदीप श्रीवास्तव व वन दारोगा महेंद्र सिंह सहित अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे।

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