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    पाकिस्तान की जेल से रिहा सूरजपाल पहुंचा घर, देखने वालों की लगी भीड़ तो पूछताछ करने पहुंची पुलिस

    उन्नाव के सूरजपाल 15 महीने बाद पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर घर लौटे। वह 2020 में लापता हो गए थे और लाहौर जेल में बंद थे। रिहाई के बाद वह विक्षिप्त हालत में रेलवे क्रॉसिंग पर मिले। परिवार वाले उसे घर ले गए लेकिन वह कुछ भी बता पाने में असमर्थ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    By amit mishra Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 28 Aug 2025 12:50 PM (IST)
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    अकरमपुर स्थित सुल्तान खेड़ा गांव स्थित घर पर स्वजन के साथ बैठा पाकिस्तान जेल से रिहा हुआ सूरजपाल। ग्रामीण

    जागरण संवाददाता, उन्नाव। पाकिस्तान के लाहौर जेल से 15 माह पहले छूटा सदर क्षेत्र के सुल्तानखेड़ा निवासी सूरजपाल बुधवार को ग्रामीणों को शहर के लोक नगर रेलवे क्रासिंग के पास विक्षिप्त हालत में घूमते हुए मिला। सूचना पर पहुंचे स्वजन उसे घर ले गए। इस बीच उन लोगों ने उससे तमाम सवाल किए लेकिन वह एक का भी सही उत्तर नहीं दे सका।

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    यह है पूरा मामला

    सदर क्षेत्र के अकरमपुर सुल्तान खेड़ा निवासी 45 वर्षीय सूरज पाल मानसिक रूप विक्षिप्त है, इसी कारण से वह अक्सर घर से कहीं चला जाता था। 27 अक्टूबर 2020 को वह घर से निकला, और फिर नहीं लौटा। 

    काफी खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चला। चचेरे भाई रमेश ने बताया कि अक्टूबर 2021 को जम्मू कश्मीर बार्डर से बीएसएफ ने उसके घर फोन किया और बताया कि दिसंबर 2020 में सूरज जम्मू कश्मीर से पाक सीमा में पहुंच गया, जिसे पाकिस्तान की लाहौर जेल में बंद किया गया है। 

    इसके बाद उसकी पत्नी सूरजा देवी अपने बेटे पिंटू को लेकर बार्डर गई। लेकिन वहां कुछ पता नहीं चला। 29 जुलाई 2023 को सजा पूरी होने पर पाक दूतावास ने उसकी नागरिकता का सत्यापन करने के लिए भारतीय दूतावास को पत्र भेजा। 

    उन्नाव जिला प्रशासन ने उसके नाम पता की जानकारी दूतावास को भेजी। 30 मई 2024 को लाहौर जेल से सूरज को रिहा कर बाघा बार्डर पर बीएसएफ को सौंप दिया गया। हालांकि महीना गुजर जाने के बाद भी सूरज घर नहीं पहुंचा। 

    जिला प्रशासन भी सूरज के परिवार को उसके घर न पहुंचने के संबंध में कुछ बता नहीं सका। परिवार के लोग उसके घर आने की तब से आस लगाए थे। इसी बीच बुधवार को कुछ ग्रामीणों ने सूरज को शहर के लोक नगर रेलवे क्रासिंग के पास विक्षिप्त हालत में घूमते हुए देखा और स्वजन को सूचना दी। 

    इसके बाद चचेरा भाई रमेश मौके पर पहुंचा और सूरजपाल को पहचान लिया। सभी उसे घर लेकर पहुंचे। रमेश के अनुसार सूरज के पास एक बोरा मिला, जिसमें कंबल व रोटी निकली है। घर पहुंचने पर पत्नी सूरजादेवी व बेटा पिंटू उसे देख कर खुशी से रो पड़े। 

    गांव में उसे देखने के लिए भीड़ लग गई। जब उससे पाकिस्तान कैसे पहुंचा पूछा गया तो वह सही से बता नहीं पा रहा था। जानकारी पर एलआईयू टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची। 

    डीएम गौरांग राठी ने बताया कि शाम को एसपी ने जानकारी दी थी की सूरज पाल घर पहुंच गया है। एसपी दीपक भूकर ने बताया कि सूरज पाल को पाकिस्तान से तो पहले ही रिहा किया जा चुका था। आज उसे सड़क पर घूमते देख लोगों ने स्वजन को जानकारी दी थी। तो स्वजन उसकी पहचान कर घर ले आए। उससे पूछताछ की जा रही है। वह मानसिक मंदित है।