पयार जलाने से रोकने को कंबाइन हार्वेस्टर संचालकों पर शिकंजा
जागरण संवाददाता उन्नाव खेत में पराली जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग ने सबसे पहले कंबाइ

जागरण संवाददाता, उन्नाव : खेत में पराली जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग ने सबसे पहले कंबाइन हार्वेस्टर संचालकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब कटिग होगी, लेकिन एसएमएस (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) के अनुसार। यदि कंबाइन हार्वेस्टर में एसएमएस की व्यवस्था नहीं है तो संबंधित की मशीन सीज कर जुर्माना वसूल किया जाएगा। साथ ही एफआइआर भी होगी। इतना ही नहीं उन्हें 10 रुपये के स्टांप पर इसका एक हलफनामा भी देना होगा। साथ ही फसल की कटिग शुरू करने से पहले पराली नहीं जलाएंगे यह किसान को भी लिखकर देना होगा।
कृषि विभाग ने सभी कंबाइन हार्वेस्टर मशीन धारकों की सूची तैयार कर रखी है। इस सूची में यह भी रखा गया है कि उनके पास जो हार्वेस्टर मशीन हैं उसमें स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम है या नहीं। यदि एसएमएस की व्यवस्था नहीं है तो उनकी मशीन को चलने नहीं दिया जाएगा। बल्कि सीज कर दी जायेगी। उपनिदेशक कृषि प्रसाद मुकुल प्रकाश तिवारी ने बताया कि कुछ दिन पूर्व गंजमुरादाबाद में बनी एसएमएस के हार्वेस्टर चलने की सूचना पर उसे चेतावनी देते हुए रोक दिया गया है।
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गोशाला में पयार देकर ले सकेंगे खाद
- उपनिदेशक कृषि प्रसार ने बताया कि हाथ से कटिग करने वाले किसानों के लिए योजना शुरू की गई कि वो यदि अपनी पयार आसपास की गोशाला में दो ट्राली तक पहुंचाते हैं तो उन्हें वहां से एक ट्राली गोबर की खाद उसके बदले में दी जाएगी। इससे उनके खेत की उपज भी बढ़ेगी और पयार की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। इसकी शुरुआत गंजमुरादाबाद ब्लाक से कर भी दी गई है।
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क्या है स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम
- अब कंबाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम भी लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह यंत्र कंबाइन हार्वेस्टर में अटैच किया जायेगा, जो कंबाइन द्वारा कटी गई फसल के अवशेष को छोटे-छोटे टुकड़ों में करके खेतों में बिखेर देगा। इसमें फसल अवशेष को आसानी से मिट्टी में मिलाया जा सकता है। जो बाद में खाद का भी काम करेंगे।
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