सुरक्षा की अनदेखी, हादसे का सबब
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सड़क पर नियमों की अनदेखी जान जोखिम में डाल रही है। सुरक्षित सफर
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सड़क पर नियमों की अनदेखी जान जोखिम में डाल रही है। सुरक्षित सफर की चाह रखने वाले नियमों का अनुपालन न कर हादसे को न्योता दे रहे हैं। पुलिस हर वर्ष यातायात माह कार्यक्रम चला ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करती है। इस अभियान का मकसद लोगों की जान बचाना है, इसके बाद भी लोग जागरूक होने का नाम नहीं ले रहे हैं। खास कर युवा वर्ग नियमों का खुलेआम मजाक उड़ाता है।
जनवरी 2016 से नवंबर 2017 में हुए सड़क हादसों के आंकड़ों को उठाकर देखें तो कुल 1177 सड़क हादसों में 789 लोगों की मौत हुई और 961 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में 512 की पोस्टमार्टम रिपोर्ट यह बयां कर रही है कि इन लोगों की मौत सुरक्षा की अनदेखी के चलते हुई। 27 अक्टूबर 17 को फतेहपुर चौरासी के पट्टी उस्मानपुर गांव निवासी राजेश राठौर का 16 वर्षीय पुत्र आशीष अपने साथी शुभम के साथ बाइक से तकिया गया था। दोनों हेलमेट नहीं लगाए थे। लौटते वक्त कार ने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे आशीष की मौके पर मौत हो गई, शुभम घायल हो गया। 29 अक्टूबर को अजगैन के मानपुर गांव निवासी पुत्तीलाल की बाइक में दूसरी बाइक ने हाईवे पर भल्ला फार्म के पास टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गई। सिर में गंभीर चोट को डॉक्टर ने मौत का कारण बताया। घटना के समय वह हेलमेट नहीं लगाए थे। इसी तरह 31 अक्टूबर को बांगरमऊ भिखारीपुर पतसिया निवासी जिबराइल की बाइक को ट्रक ने टक्कर मार दी। हेलमेट न होने से उसके सिर में गंभीर चोट आ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इसी तरह गंगाघाट थाना क्षेत्र के जाजमऊ में ट्रक ने 16 सितंबर 2017 को बाइक सवार रूमान (20) पुत्र बक्कन और सहजाब (20) पुत्र अफसार निवासी जाजमऊ को त्रिभुवनखेड़ा के पास टक्कर मार दी। दोनों के सिर में गंभीर चोट आने से मौत हो गई। पोस्टमार्टम के डाक्टरों ने सिर में गंभीर चोट मौत का कारण बताया।
ट्रैफिक नियमों का पालन ही हादसों में ला सकता कमी
जिला अस्पताल के ईएमओ डा. आशीष सक्सेना का कहना है सुबह से शाम तक जो भी हादसे होते हैं उनमें घायल या मृत हुए लोगों का जीवन ट्रैफिक नियमों की अनदेखी से खतरे में पड़ता है। कोई शराब पीकर वाहन चलाता है तो कोई हेलमेट से तौबा कर रफ्तार भरता है। मोबाइल फोन से बात करने के दौरान भी लोग हादसों का शिकार होते हैं। हालांकि अधिकतर दुर्घटनाएं शराब पीकर और बिना हेलमेट, सीट बेल्ट के वाहन ड्राइव करने में होती है। यदि थोड़ी सी जागरुकता लाकर नियम का पालन किया जाए तो सफर सुरक्षित हो सकता है। हेलमेट सिर को सुरक्षित रखता है।
अभी से लें नियम पालन की शपथ
हर वर्ष की तरह इस माह भी पुलिस यातायात माह कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। जीवन को सुरक्षित रखने के लिए हमें नियम पालन की ओर खुद ही अग्रसर होना पड़ेगा।
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