Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सामने आया लेटेस्ट अपडेट, 2026 के इस महीने से फर्राटा भरेंगे वाहन

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 04:23 PM (IST)

    लखनऊ यूनिट के पीडी नकुल वर्मा के अनुसार, कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे होली 2026 तक चालू हो जाएगा। हालाँकि, फरवरी में पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन अब मार्च ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, उन्नाव। पीडी एनएचएआइ लखनऊ यूनिट नकुल वर्मा ने बताया है कि होली पर यानी चार मार्च 2026 तक हर हाल में कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे चालू हो जाएगा। पीडी का दावा है कि वैसे तो हमें फरवरी कहा गया है, लेकिन मार्च के पहले सप्ताह से ही कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के सफर का अवसर सभी को मिलने लगेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीडी ने बताया कि अभी लखनऊ में स्कूटर इंडिया चौराहे के पास थोड़ा काम शेष है। जिसके पूरा होते ही एक्सप्रेस वे खोल दिया जाएगा। लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण की शुरुआत पांच जनवरी 2022 को हुई थी। इस फिलहाल से एक्सप्रेस वे के निर्माण को लगभग चार साल होने वाले हैं।

    छह लेन में बनाया जा रहा यह एक्सप्रेसवे लखनऊ के शहीद पथ के पास से शुरू होकर बनी, कांथा, अमरसास को जोड़ते हुए कानपुर-लखनऊ नेशनल हाइवे के आजाद मार्ग पर गंगाघाट क्षेत्र में गांव कडेर पतारी पर समाप्त हो रहा है। वहीं इसे कानपुर के उद्योग पथ से भी जोड़ा जाएगा।

    उन्नाव में गंगा एक्सप्रेसवे व लखनऊ की बाहरी रिंग रोड को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा। इसका निर्माण इसी वर्ष जुलाई तक पूरा किया जाना था। एक्सप्रेस वे निर्माण में देश में पहली बार एआइएमजीसी (आटोमेटेड इंटेलिजेंस मशीन गाइडेड कंस्ट्रक्शन) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    अमेरिका व जर्मनी के बाद भारत में पहली बार सड़क निर्माण में इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी का दावा है कि यह एक्सप्रेसवे कम से कम दस वर्षों तक नहीं टूटेगा। लखनऊ-कानपुर के बीच 63 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे में बनी से लेकर कानपुर तक 45 किलोमीटर का ग्रीन फील्ड क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।

    ग्रीन फील्ड के क्षेत्र में एक्सप्रेसवे के निर्माण में एआइएमजीसी तकनीक के साथ-साथ जीपीएस (वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली) व थ्रीडी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे एक्सप्रेस वे एकदम समतल बनेगा और निर्धारित मात्रा में ही निर्माण सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है।