कानपुर-लखनऊ रेल रूट पर फिर दुश्वारी, गंगा पुल पर टर्फ और चादर बदलने की तैयारी
नवंबर 2016 में गंगा रेलवे पुल के डाउन ट्रैक का टर्फ बदले जाने में 27 दिन तक प्रभावित रहे कानपुर-लखनऊ रेल रूट की ट्रेनें एक बार फिर लडख़ड़ाएंगी।
उन्नाव (जेएनएन)। नवंबर 2016 में गंगा रेलवे पुल के डाउन ट्रैक का टर्फ बदले जाने में 27 दिन तक प्रभावित रहे कानपुर-लखनऊ रेल रूट की ट्रेनें एक बार फिर लडख़ड़ाएंगी। कानपुर छोर की ट्रेनों पर सबसे ज्यादा फर्क देखने को मिलेगा। क्योंकि, अप हिस्स के टर्फ और पुल की चादर को बदला जाना है। चीफ ब्रिज इंजीनियर (रेलवे) को स्थानीय रेल प्रशासन ने रिपोर्ट सौंपी है। दिसंबर तक उत्तर रेलवे टर्फ बदलीकरण को लेकर फैसला ले सकता है। सीनियर डीसीएम लखनऊ रेल मंडल जगतोष शुक्ला ने बताया कि गंगा रेलवे पुल के अप हिस्से में जहां जो कमी है, उसे दूर कराए जाने का कार्य किया जाएगा। अन्य सेक्शनों में भी ट्रैक मरम्मत कार्य चल रहे हैं।
ट्रेनों के दबाव पर ट्रैक मजबूती की कवायद
कानपुर को उन्नाव से जोडऩे वाले गंगा रेलवे पुल की लंबाई करीब 900 मीटर है। ब्रिटिश हुकूमत में बने इस पुल पर 24 घंटे ट्रेनों का आवागमन रहता है। कानपुर से उन्नाव वाया लखनऊ, प्रयागराज और बालामऊ रूट की ट्रेनें दौड़ती हैं। समय के साथ ट्रेनों के बढ़ते दबाव में ट्रैक को मजबूती देने की कवायद रेलवे कर रहा है। नवंबर 2016 में 27 दिन का ट्रैफिक ब्लाक लेकर उत्तर रेलवे ने पुल के डाउन हिस्से को नया किया था। ट्रैक के साथ टर्फ बदले गए। इसमें कानपुर-लखनऊ रूट की ज्यादातर ट्रेनें रद रहीं। लोकल ट्रेनों के पहिए भी थमे। यात्रियों का सफर ऐसे में मुश्किल भरा रहा था। यह दुश्वारी अप ट्रैक के जंक लगे टर्फ और खराब हो चुकी चादर की वजह से फिर होगी। सफर को महफूज किए जाने के लिए उत्तर रेलवे टर्फ के साथ चादर को बदलेगा। सूत्रों की मानें तो बीते माह पुल पर बिछाई गए नए ट्रैक में कमजोर होते टर्फ की कमी को इंजीनियर ने महसूस किया। स्थानीय तौर पर रेल पथ अनुभाग के इंजीनियर ने ट्रैक को लेकर हुए कार्य की रिपोर्ट लखनऊ रेल मंडल को दी। जिस पर गंभीरता दिखाते हुए सेक्शन के अधिकारियों ने चीफ इंजीनियर को पत्र लिखा है। मंडल व जोन स्तर पर टर्फ नया करने के लिए कागजी कार्य शुरू हैं। सही समय पर ट्रैफिक ब्लाक लेकर कार्य शुरू कराए जाने के संकेत अधिकारियों ने दिए हैं।
इन ट्रेनों को रद कर सकता रेलवे
लखनऊ-कानपुर एलकेएम 64201, 64203, 64235, 64251, 64205, 64207, 64209, 64211, 64255, 64213। इसके अलावा प्रयागराज कानपुर पैसेंजर, रायबरेली-कानपुर पैसेंजर, बालामऊ-कानपुर पैसेंजर, सीतापुर पैसेंजर, लखनऊ-झांसी एक्सप्रेस, आगरा-लखनऊ इंटरसिटी आदि ट्रेनें हैं। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों का रास्ता भी रेलवे बदल सकता है। इसमें वैशाली एक्सप्रेस, नीलांचल, जम्मुतवी एक्सप्रेस, फरक्का आदि ट्रेनें शामिल हो सकती हैं। फिलहाल, ट्रेनों के रद्दीकरण व मार्ग परिवर्तन पर फैसला उत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे जोन द्वारा संयुक्त रूप से लिया जाएगा। क्योंकि, गंगा रेलवे पुल से जुड़ी कुछ ट्रेनें उत्तर मध्य रेलवे से जुड़ी है।
बदले जाने है करीब 125 टर्फ
गंगा रेलवे पुल पर डाउन के बाद अप हिस्से का भी टर्फ बदला जाएगा। करीब 125 टर्फ को रेलवे बदलेगा। कार्य को शुरू कराए जाने से पूर्व चीफ इंजीनियर ब्रिज द्वारा पुल का सर्व कराया जाएगा। हालांकि, स्थानीय तौर पर दी गई रिपोर्ट के साथ पूर्व में जांचे गए पुल में डीआरएम सतीश कुमार भी कमियों को भांप चुके हैं।
सबसे ज्यादा लोकल ट्रेनों पर असर
पुल के अप हिस्से पर कार्य कराए जाने में कानपुर-लखनऊ रूट में सबसे ज्यादा लोकल ट्रेनों पर असर पड़ेगा। वहीं, दिल्ली, मुंबई रूट की कुछ ट्रेनों पर भी कार्य का प्रभाव पड़ेगा। यात्रियों को सफर में ज्यादा दिक्कत न हो, इसे ध्यान में रखकर उत्तर रेलवे प्लानिंग कर रहा है।
मालगाड़ी के इंजन में फंसा मवेशी
कानपुर से चलकर उन्नाव के रास्ते रायबरेली जा रही मालगाड़ी की चपेट में मवेशी आ गया। उसके इंजन में फंस जाने से लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा ट्रेन रोकी। कोरारी स्टेशन के आउटर क्रासिंग संख्या 125 के पास हुए इस हादसे की जानकारी पर आरपीएफ घटनास्थल पर पहुंची। रेल यातायात रोकते इंजन से मवेशी निकाला गया। करीब डेढ़ घंटा उन्नाव-रायबरेली रूट ठप रहा। चपेट में आए मवेशी की मौके पर मौत हो गई। मौके से एएसआइ एचपी सिंह पहुंचे। मवेशी को इंजन से निकालकर ठप रेल यातायात बहाल कराया।