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    कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ऑटो-लोडर समेत इन वाहनों पर रहेगा प्रतिबंध, पढ़ें कहां-कहां बनेगा टोल प्लाजा

    Updated: Sun, 18 May 2025 10:23 PM (IST)

    कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बाइक और ऑटो जैसे छोटे वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। एनएचएआइ के अनुसार 120 किमी प्रति घंटा की गति के कारण इन वाहनों का चलना सुरक्षित नहीं है। एक्सप्रेसवे पर पाँच टोल प्लाजा बनाए गए हैं ताकि प्रतिबंधित वाहनों पर निगरानी रखी जा सके। यह भारत का पहला एक्सप्रेसवे है जो एआइएमजीसी तकनीक से बन रहा है जिससे निर्माण सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।

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    कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ऑटो-लोडर समेत इन वाहनों पर रहेगा प्रतिबंध

    ब्रजेश शुक्ला, उन्नाव। कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बाइक सवार प्रतिबंधित होंगे। ऑटो, लोडर आदि छोटे सवारी व माल वाहन भी नहीं चल सकेंगे। एनएचएआइ की कार्यदायी एजेंसी पीएनसी के मुताबिक एक्सप्रेसवे पर 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चलेंगे, इस गति में छोटे वाहन का चल पाना संभव नहीं होगा। इस कारण से ही इनको पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है।

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    पीएनसी के प्रशासनिक अधिकारी उदित जैन ने बताया कि निर्माणाधीन कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बाइक, आटो आदि छोटे सवारी और मालवाहक वाहनों को चलने की अनुमति नहीं होगी। एक्सप्रेसवे तैयार हो जाने के बाद प्रतिबंधित वाहन एक्सप्रेसवे पर न आ सकें, इसके लिए पांच टोल प्लाजा से बंदोबस्त और निगरानी रखी जाएगी।

    एक्सप्रेसवे पर लग रहे अत्याधुनिक तकनीक और लंबी दूरी तक नजर रखने वाले कैमरों से भी टोल प्रबंधन निगरानी रखेगा। एनएचएआइ की ओर से एक्सप्रेसवे पर कारों की गति सीमा 120 किमी प्रति घंटे रखने की योजना है। वहीं, भारी वाहन 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगे। योजना में कहीं भी बाइक की स्पीड का जिक्र नहीं है। जहां रैंप होंगे, वहीं टोल प्लाजा होने से बीच में अथवा शुरुआत में चढ़ने वाले वाहनों पर नजर रहेगी।

    निर्माण में एआइएमजीसी का इस्तेमाल

    कानपुर लखनऊ-एक्सप्रेसवे देश में पहला है जिसकी सड़क एआइएमजीसी (आटोमेटेड इंटेलिजेंस मशीन गाइडेड कंस्ट्रक्शन) तकनीक से बन रही है। इसके जरिये निर्धारित मात्रा व गुणवत्ता में ही निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जा सकता है। अगर कम मात्रा व घटिया गुणवत्ता वाली निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जाएगा तो उसकी सूचना एनएचएआइ व भारत सरकार को मिल जाएगी।

    एनएचएआइ के क्षेत्रीय परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि अमेरिका व जर्मनी के बाद इस तकनीक का प्रयोग भारत में पहली बार किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि यह एक्सप्रेसवे कम से कम दस वर्षों तक नहीं टूटेगा।

    जहां रैंप, वहीं टोल प्लाजा

    एनएचएआइ के अधिकारियों के मुताबिक लखनऊ से एक्सप्रेसवे पर प्रवेश करते ही पहला टोल प्लाजा मीरनपुर पिनवट के पास मिलेगा। दूसरा टोल खंडेदेव पर बनेगा। तीसरा टोल बनी के पास और चौथा टोल उन्नाव-लालगंज के पास पड़ने वाले अमरसास गांव के पास और अंतिम और पांचवां टोल प्लाजा आजाद नगर के पास बन रहा है।