ससुर की मौत से आहत बहू ने हार्ट अटैक से तोड़ा दम, दोनों का एक साथ किया गया अंतिम संस्कार
फतेहपुर चौरासी में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां 93 वर्षीय ससुर की मौत के सदमे में 46 वर्षीय बहू की भी जान चली गई। बहू सुषमा अपने ससुर रामकिशोर त्र ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, उन्नाव। सास-ससुर से बहू के झगड़ों की चर्चा आम है। इन्हीं झगड़ों से टूट रही रिश्तों की डोर के बीच फतेहपुर चौरासी में एक ऐसा मामला सामने आया जो रिश्तों की अहमियत बयां कर गया।
बीमार 93 वर्षीय ससुर की मौत का 46 वर्षीय बहू को ऐसा सदमा लगा कि अटैक पड़ने से उसकी भी जान चली गई। परिजनों ने बताया कि वयोवृद्ध ससुर की बहू लंबे समय से सेवा करती चली आ रही थी। ससुर की मौत के बाद बहू की सांसें थमी देख परिवार में कोहराम मच गया। गमगीन माहौल में दोनों का एक ही घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
पुलिस लाइंस स्थित परिवार परामर्श केंद्र में प्रत्येक रविवार को उन जोड़ों को बुलाया जाता हैं जो छोटी-छोटी बातों पर अलग रहने का फैसला ले लेते हैं। परामर्शदाताओं के अनुसार अधिकांश मामले सास-ससुर से बहू के बीच झगड़े के होते हैं, जिससे महिलाएं ससुराल तक छोड़ने को तैयार हो जाती है।
फतेहपुर चौरासी क्षेत्र के गांव गंगादासपुर में एक मामला ऐसा आया जो रिश्तों की अहमियत का एहसास कराने के लिए काफी है। यहां रहने वाले 93 वर्षीय बीमार रामकिशोर त्रिवेदी की बुधवार शाम को बीमारी से मृत्यु हो गई।
लगातार उनकी सेवा कर रही 46 वर्षीय बहू सुषमा को ऐसा सदमा लगा कि कि उसे देर रात अटैक पड़ गया। हार्ट अटैक से उसकी भी मौत हो गई। सुषमा के पति ब्रजकिशोर त्रिवेदी ने बताया कि उनके पिता बहू को बेटी की तरह स्नेह करते थे। शायद यही वजह रही कि पत्नी ससुर की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी। गुरुवार को सरैया घाट पर दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

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