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    उन्नाव के इन तीन जगहों से कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर ले सकेंगे एंट्री, इस तारीख तक पूरा होगा काम 

    By Brajesh ShuklaEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Sun, 22 Jun 2025 05:00 PM (IST)

    लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (एनई-6) का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जिसका 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इसे जल्द ही खोलने की तैयारी है। यह 63 किमी लंबा एक्सप्रेसवे उन्नाव जिले से 47 किमी गुजरता है, जिसमें जिले में केवल तीन प्रवेश/निकास बिंदु हैं। लगभग 2800 करोड़ की लागत से बन रहा यह एक्सप्रेसवे भारत में एआईएमजीसी तकनीक से बनने वाली पहली सड़क है। इस पर बाइक, ऑटो और लोडर जैसे हल्के वाहन 120 किमी/घंटा की उच्च गति के कारण प्रतिबंधित रहेंगे।  

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, उन्नाव। जनपद में लगभग तीन साल निर्माणाधीन लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे जनपदवासियों को महज तीन स्थानों से ही चढ़ने का अवसर देगा। जबकि, 63 किमी के इस एक्सप्रेस वे का अधिकांश भाग जनपद में ही है। जिले में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 47 किमी है। जनपद के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र को आच्छादित करने के कारण ही इसे ग्रीन कारीडोर भी कहा जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे को एनई-6 का भी नाम दिया गया है।

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    एक्सप्रेस वे पर जहां साइकिल, टैंपो इत्यादि हल्के वाहन सफर के लिए प्रतिबंधित हैं। वहीं जिले से महज तीन स्थान ही इस एक्सप्रेस वे पर चढ़ने का अवसर मिल रहा है। कार्यकारी अधिकारी उदित जैन ने बताया कि जिसमें एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन कोरारी मोड़, आजाद मार्ग चौराहे और तीसरा बनी के पास चढ़ने का रास्ता दिया गया है।राजधानी लखनऊ से कानपुर का सफर जल्द ही कम समय में पूरा हो सकेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की टीम लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के काम को पूरा करने में दिन-रात लगी है।

    15 जून तक एलिवेटेड व ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अभी प्राधिकरण के पास 45 दिन का और समय है। प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि 31 जुलाई तक निर्माण के साथ ही फिनिशिंग का काम भी पूरा हो जाएगा। यही नहीं, काम पूरा होने का प्रमाणपत्र देते ही टोल वसूलने का काम पब्लिक से किया जाएगा। अधिकारी प्रयास कर रहे हैं कि 31 अगस्त से पहले लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे शुरू हो जाए।

    हालांकि टेंडर प्रकिया में तीन माह का ग्रेस पीरियड का उल्लेख है जो 31 अक्टूबर को पूरा हो रहा है। कुल मिलाकर अगर किसी कारणवश काम लेट भी होता है तो 31 अक्टूबर तक कार्यदायी संस्था के पास समय रहेगा। वहीं, ग्रीन फील्ड का काम बंथरा से शुरू होता है, जो ट्रांस गंगा सिटी तक जाता है। उसे भी तेजी से किया जा रहा है। इस रूट पर भी 88 प्रतिशत से अधिक काम हो गया है। अधिकारियों की मंशा है कि एक्सप्रेसवे में कही कोई कमी न रह जाए।

    बाइक, आटो, लोडर आदि छोटे सवारी व माल वाहन हैं प्रतिबंधित

    लगभग 2800 करोड़ से बन रहा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे जहां देश में एआइएमजीसी (आटोमेटेड इंटेलिजेंस मशीन गाइडेड कंस्ट्रक्शन) तकनीक से बनने वाली पहली सड़क होगी।

    वहीं उत्तर प्रदेश में इसे बाइक सवारों को प्रतिबंधित रखने वाले पहले एक्सप्रेसवे के रूप में जाना जाएगा। यहां तक कि इस एक्सप्रेसवे पर आटो, लोडर आदि छोटे सवारी व माल वाहन भी नहीं चल सकेंगे। बाइक, आटो, लोडर इत्यादि पर रोक के पीछे एनएचएआइ की कार्यदायी एजेंसी ने कारण भी साफ किया है। बताया कि एक्सप्रेसवे 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से वाहन चलेंगे। इस गति में यह छोटे वाहन फिट नहीं बैठते। जिसकी वजह से इनको पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है।