Chandrayaan-3 Landing: चंद्रयान-3 मिशन को सफल बनाने में यूपी के छोरे का अहम योगदान, इस सिस्टम को किया था डेवलप
चंद्रयान के सफल लैंडिंग में इसरो की बहुत बड़ी टीम ने काम किया है। देश भर के कई होनहार वैज्ञानिकों को टीम का हिस्सा बनाया गया जो देश के अलग-अलग कोनों से संबंध रखते हैं। ऐसे ही एक वैज्ञानिक उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से संबंध रखते हैं जिन्होंने चंद्रयान-3 मिशन में अहम भूमिका निभाई है। ये वैज्ञानिक हैं जिले के आवास विकास कॉलोनी के रहने वाले आशीष मिश्र।
उन्नाव, जागरण ऑनलाइन डेस्क: भारत के लिए आज की तारीख 23 अगस्त ऐतिहासिक तारीख बन गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मिशन चंद्रयान-3 सफल हो गया है। चंद्रयान-3 ने बुधवार को शाम 6 बजकर 4 मिनट कुछ सेकंड पर चांद की धरती पर बड़े ही आराम से उतर गया। इसरो के इस मिशन पर पूरे विश्व की निगाहें टिकी हुई थीं। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग ने देशवासियों को गौरवान्वित कर दिया और विश्व पटल पर देश की नई छाप छोड़ी है।
चंद्रयान के सफल लैंडिंग में इसरो की बहुत बड़ी टीम ने काम किया है। देश भर के कई होनहार वैज्ञानिकों को टीम का हिस्सा बनाया गया, जो देश के अलग-अलग कोनों से संबंध रखते हैं। ऐसे ही एक वैज्ञानिक उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से संबंध रखते हैं, जिन्होंने चंद्रयान-3 मिशन में अहम भूमिका निभाई है। ये वैज्ञानिक हैं जिले के आवास विकास कॉलोनी के रहने वाले आशीष मिश्र।
आशीष ने चंद्रयान की लॉन्चिंग से लेकर लैंडर प्रोपल्शन सिस्टम के विकास में भूमिका का निर्वाह किया है। विश्व में दर्ज भारत देश के इस कीर्तिमान की सफलता पर अन्य वैज्ञानिकों के साथ आशीष का नाम भी स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है।
जानिए आशीष के बारे में-
जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के अनुसार, आशीष ने 2008 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कदम रखने के बाद वह अपने पेशेवर करियर में लगातार परिश्रम किया है। इनके पिता स्व. गिरीश चंद्र मिश्र वकील थे, जिनका देहांत 2015 में हो चुका है। मां प्रतिमा मिश्रा रिटायर शिक्षक हैं। छोटा भाई और भाभी सरकारी नौकरी में हैं।
आईआईटी मुंबई से मास्टर्स की डिग्री
आशीष और उनकी पत्नी के अलावा सभी लोग उन्नाव में ही रहते हैं। आशीष की हाईस्कूल की पढ़ाई सेंट लारेंस और इंटर तक की पढ़ाई सेंट ज्यूड्स काॅलेज में हुई है। आशीष ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आईआईटी मुंबई से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है, जिसने उन्हें उनके विज्ञान क्षेत्र में और भी विशेषज्ञ बनाया है।
2008 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में काम करना शुरू किया और तब से अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिकों के बीच अपने काम को सिद्ध किया है।
इसरो में इस विशेष काम में जिम्मेदारी निभाते हैं आशीष
इसरो में आशीष विशेष रूप से नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स और थ्रॉटलिंग वाल्वों के विकास में सहायक सदस्य हैं, जो चंद्रयान-3 के लैंडिंग प्रयास में महत्वपूर्ण है।
इसरो में 14 साल का अनुभव नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष उपग्रहों के प्रक्षिप्त यान जैसे पीएसएलवी, जीएसएलवी और एलवीएम-3 में भी अपना योगदान दिया है। वे सैटेलाइट्स के विकास में भी शामिल रहे हैं और उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
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