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    Unnao News: ओवरलोड वाहन की पेनाल्टी के नाम पर घूसखोरी, दो बाहरी सहित वरिष्ठ बाबू चढ़ा विजिलेंस के हत्थे

    By brajesh shukla Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Wed, 23 Jul 2025 08:27 PM (IST)

    उन्नाव के खनन विभाग में एंटी करप्शन टीम ने छापा मारकर दो बाहरी कर्मियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। ये कर्मी ओवरलोड वाहनों की रिपोर्ट भेजने के नाम पर वाहन मालिकों से पैसे मांग रहे थे। टीम ने कार्यालय के अभिलेखों की जांच की और वरिष्ठ बाबू संतोष कुमार कुशवाहा को भी हिरासत में लिया।

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    खान विभाग में कार्यरत दो बाहरियों को रुपये लेते व वरिष्ठ बाबू को एंटी करप्शन ने धरा

    जागरण संवाददाता, उन्नाव। कलेक्ट्रेट भवन के दूसरे तल पर मौजूद खनन विभाग में उस समय खलबली मच गई। जब अचानक पता चला कि लगभग दो दर्जन सदस्यीय एंटी करप्शन टीम ने विभाग में गंगा एक्सप्रेसवे और कानपुर-लखनऊ की पीएनसी आइटीडीसी की ओर से अभिलेखीय कामकाज देख रहे दो बाहरी व्यक्तियों को कार्यालय के बाहर से वाहन मालिक से 20 हजार रुपये लेकर जेब में धरते हुए दबोच लिया।

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    एक ओर जहां पकड़े गए दोनों कर्मियों को टीम के आधे सदस्य सदर कोतवाली लेकर चले गए तो शेष बचे टीम के आधे सदस्यों ने खान विभाग के कार्यालय में दस्तक दे दी। शाम लगभग पांच बजकर 10 मिनट पर हुई एंटी करप्शन की कार्रवाई के बाद तो कई विभागों में बाबू कार्यालय छोड़कर भाग गए। एंटी करप्शन टीम ने जिन दो बाहरी कर्मियों को रंगे हाथ रुपये लेते हुए धरा है। वह खनिज की ओवरलोड गाड़ियों को पकड़े जाने के बाद खान विभाग से एआरटीओ को रिपोर्ट भेजने के नाम पर रुपये मांग रहे थे।

    इसके बाद टीम कार्यालय में लगभग एक घंटे तक अभिलेखों को खंगालने के साथ मौजूद बाबू व खान अधिकारी से केबी सिंह से बंद कमरे में पूछताछ करती रही। वहीं कार्यालय में पूछताछ के बाद टीम यहां मौजूद वरिष्ठ बाबू संतोष कुमार कुशवाहा को भी साथ ले गई। खान अधिकारी ने बताया कि संतोष को टीम पूछताछ के लिए साथ ले गई है।

    अब तक जिले में अवैध खनन व ओवरलोडिंग खनिज वाहन पर अंकुश लगा पाने में लगभग नाकाम खान विभाग की कार्यशैली बुधवार को तब जग जाहिर हो गई। जब भारी भरकम संख्या के साथ आई एंटी करप्शन टीम ने यहां लगभग चार साल से अभिलेखीय काम कर रहे दो बाहरी व्यक्तियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। खान विभाग कार्यालय के बाहर बरामदे में हुई इस घटना के बाद वहां अफरा तफरी मच गई।

    कुछ देर तो स्वयं खान अधिकारी भी न समझ सके कि माजरा क्या है। हालांकि चंद मिनटों के बाद ही टीम कार्यालय में दाखिल हो गई। जहां कार्यालय के वरिष्ठ बाबू संतोष कुमार कुशवाहा व खान अधिकारी केबी सिंह से एक घंटे तक दरवाजे बंद करके पूछताछ चलती रही। इसके बाद जब टीम कार्यालय से बाहर निकली तो साथ में यहां के वरिष्ठ बाबू संतोष कुमार कुशवाहा को भी अपने साथ ले गई।

    खान अधिकारी केबी सिंह ने बताया कि पकड़े गए अमित कुमार व रजनीकांत शर्मा दोनों बाहरी व्यक्ति हैं। जिसमें अमित कुमार गंगा एक्सप्रेस निर्माण के लिए फाइलों के रख रखाव के नाम पर और दूसरा रजनीकांत शर्मा पीएनसी की फाइलों की रखरखाव के लिए कार्यालय में काम करते आ रहे हैं। खान अधिकारी ने सफाई देते हुए बताया कि उन्होंने कभी यह जानने का प्रयास नहीं किया कि कौन यहां बाहरी है या विभागीय।

    बताया कि जब वह उन्नाव में तैनात हुए थे तब से यह दोनों विभाग में काम कर रहे थे। वहीं सदर कोतवाली में एक वरिष्ठ बाबू व दो बाहरी व्यक्तियों समेत तीन को लेकर गई एंटी करप्शन की टीम के अगुवा इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने मामले में दो बाहरी कर्मियों सहित तीन पर मुकदमा लिखवाया है। जिसमें वरिष्ठ बाबू संतोष कुमार कुशवाहा भी शामिल है।

    यह है मामला

    लखनऊ निवासी एक वाहन मालिक जिसके सात वाहन खनिज के लिए चलते हैं। 16 तारीख को बारासगवर में एआरटीओ ने इनकी गाड़ियां पकड़ी थीं। वाहन पकड़े जाने के बाद वाहन मालिक ने एआरटीओ वाली पेनाल्टी जमा कर दी थी, इसके बाद खान विभाग से जाने वाली रिपोर्ट के नाम पर बाहरी व्यक्ति अमित व रजनीकांत ने 20 हजार रुपये की मांग की थी। वाहन मालिक से यही रुपये लेते हुए दोनों व्यक्तियों को एंटी करप्शन ने धर लिया।

    वरिष्ठ बाबू भी पकड़ा गया

    गंगा एक्सप्रेसवे और पीएनसी की आइटीडीसी की ओर से बाहरी व्यक्तियों को विभाग में अहम काम करना कितना सही और नियम में है इसकी जानकारी तो खान अधिकारी नहीं दे पाए। लेकिन सूत्र बताते हैं कि खान विभाग का वरिष्ठ बाबू संतोष कुमार कुशवाहा जरूर खेल कर रहे थे। दोनों बाहरियों से रुपये वसूलवाने के बाद अंदर हिस्सेदारी तय हो जाती थी।

    सरकारी कार्यालय में बाहरियों की मौजूदगी कहां तक उचित

    खान विभाग में एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई के बाद यहां दो बाहरी व्यक्तियों के काम करने की जानकारी सामने आई। जिनके बार में सही बताने से पहले खान अधिकारी ही मुकरते रहे। हालांकि बाद में खान अधिकारी ने बताया कि दोनों ही बाहरी व्यक्ति हैं। लेकिन वह सरकारी विभाग में काम करने के लिए नियमबद्ध तरीके से रखे जा सकते हैं अथवा रखे गए, इसके बारे में वह बता पाने सक्षम नहीं रहे।