संसार रूपी भवसागर पार करने का नाम राम
सफीपुर, अप्र : श्री राम कथा के बिना मानव जीवन निराधार है। राम कथा ही जीवन का मूलाधार है। संसार रूपी सागर को पार करने के लिए राम नाक नौका है और यह नौका प्राणी को तभी प्राप्त होगी। माया ममता और जड़ता का त्यागकर प्रभु राम के सानिध्य में जाने से ही कल्याण होगा। उक्त उद्गार संत स्वामी राम स्वरूप ब्रम्हचारी जी महाराज ने नौ दिवसीय संगीत मयी श्री राम कथा व्यक्त हुए उन्होंने हनुमान जी महाराज का कथानक सुनाते हुए कहा कि उनके जीवन में राम के प्रादुर्भाव से चमत्कार हो गया। यदि जीव अपना कल्याण चाहता है तो राम कथा सबसे उत्तम मार्ग है।
गोपियों ने उद्धव को दिया साकार ब्रह्म भक्ति का ज्ञान
सफीपुर, अप्र : निराकार ब्रह्म उपासक ऊधव गोपियों को ज्ञान समझाने गए, जहां साकार ब्रह्म श्रीकृष्ण की उपासक विशुद्ध भक्ति स्वरूपा गोपियों ने उन्हें ही भक्ति को समझा दिया। उन्हें निराकार से साकार उपासक ज्ञानी से भक्त बना दिया। उद्धव ने गोपियों के विशुद्ध भक्ति को प्रणाम कर उन्हें गुरु बना लिया। भगवान विशुद्ध प्रेम भक्ति से सहज ही प्राप्त होता है। गोपियों की विशुद्ध भक्ति के आगे उद्धव का ज्ञान बौना और नतमस्तक हो गया।
उक्त उद्गार भागवताचार्य पं. हरिशंकर मिश्र शास्त्री ने क्षेत्र के सकहन राजपूतान गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा में शुक्रवार को गोपी व उद्धव संवाद सुनाते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण पूर्ण साकार ब्रह्म है। भगवान जब मथुरा चले गए तो ब्रज में सभी उनके विछोह में थे, तो भगवान श्रीकृष्ण ने अपने प्रिय अभिन्न सखा ज्ञानी ऊधौ को समझाने के लिए भेजा। ऊधौ बृज पहुंचे जहां गोपियों की व्याकुलता और कृष्ण के प्रति विशुद्ध प्रेम देख आसन्न रह गए है। हालांकि उन्होंने ज्ञान के द्वारा काफी समझाने का प्रयास किया किंतु व्यर्थ रहा। गोपियों ने प्रेम भक्ति का रंग ऊधौ पर चढ़ा दिया। उद्धव गए थे समझाने खुद समझकर गोपियों को गुरू मान चरण वंदना की और निराकार से साकार उपासक बन गए।
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