देवी मंदिर
श्री राज राजेश्वरी मंदिर, बांगरमऊ कल्याणी नदी के किनारे बांगरमऊ के मोहल्ला शुक्लाना में सिद्धपीठ श
श्री राज राजेश्वरी मंदिर, बांगरमऊ
कल्याणी नदी के किनारे बांगरमऊ के मोहल्ला शुक्लाना में सिद्धपीठ श्री राजराजेश्वरी देवी मंदिर स्थित है। यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। यह भीड़ नवरात्र के दिनों में काफी बढ़ जाती है। यहां पर दूर दूर से माता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर में आने वाले भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
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ऐसे पहुंचें मंदिर
श्रद्धालु लखनऊ से आने वाले मोहान व मियागंज होकर, उन्नाव से सफीपुर होकर तथा हरदोई से आने वाले मल्लावां से होकर बांगरमऊ आ सकते हैं जहां कोतवाली के ठीक पीछे माढापुर मार्ग के किनारे शुक्लाना में यह प्राचीन देवी मंदिर स्थित है। बांगरमऊ आने के लिए बस व अन्य यात्री वाहनों की सुविधा है।
मां की बरसती कृपा
मान्यता है कि इस मंदिर पर आने वाले भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है। नसंतान को माता के दरबार से संतान की प्राप्ति होती है, रोगियों को भी लाभ मिलता है। वहीं कन्याओं को माता के नियमित दर्शन से इच्छित वर की कामना भी पूरी होती है।
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मंदिर का इतिहास
नगर के मूलनिवासी पंडित दुलारे लाल शुक्ल कोलकाता में रहकर अपना व्यापार करते थे। वह नित्य दक्षिणेश्वर में स्थित महालक्ष्मी देवी मंदिर माता के दर्शन के लिए जाया करते थे। माता ने उन्हें एक दिन स्वप्न में दर्शन दिया। माता की प्रेरणा से ही इन्होंने यहां पर सन 1920 ई में इस मंदिर का निर्माण कराया था। मान्यता है कि इस मंदिर में तंत्र साधना भी की जाती है।
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मंदिर की विशेषता
कल्याणी नदी के किनारे स्थित इस मंदिर में माता श्री राजराजेश्वरी देवी की मूर्ति अति सुंदर और आकर्षक है। मंदिर परिसर में बड़ा मैदान है ।जहां पर आए दिन धार्मिक अनुष्ठान एवं मांगलिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं । नित्य प्रात: व शाम मंदिर में महाआरती का कार्यक्रम होता है तथा मौजूद भक्तों को प्रसाद वितरण किया जाता है। सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर को तांत्रिक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। जेठ के दशहरा को यहां बंगाल के तंत्र साधक भी माता की चौकी पर तंत्र साधना को आते हैं। जेठ के दशहरा में दर्शन पूजन का अपना अलग महत्व है।
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बंगाल की दुर्गा पूजन पद्धति के नियमन के अनुसार माता का पूजन अति फलदायक होता है। वैसे तो माता सभी भक्तों पर अपना प्यार लुटाती हैं। श्रद्धा भाव से माता का पूजन अर्चन करने वाले की मनोकामना अवश्य माता पूरी करती हैं।
- संजय शुक्ल, मंदिर व्यस्थापक
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मंदिर आकर माता श्री राज राजेश्वरी देवी के दर्शन कर मन को अपार सुख की अनुभूति होती है। माता के कमल रूपी चरणों में माथा टेकने से सारी समस्याएं अपने आप दूर हो जाती हैं जो भक्त आस्था और विश्वास के साथ मां के दर्शन करता है वह दरबार कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटता।
- राजाबाबू अग्निहोत्री, सेवक
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