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    सपा विधायक दीपक कुमार का निधन

    By Edited By:
    Updated: Fri, 24 Jan 2014 07:56 PM (IST)

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    उन्नाव, जागरण संवाददाता: शहर के सपा विधायक दीपक कुमार का शुक्रवार को प्रात: 10 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वह 48 वर्ष के थे। सपा के कद्दावर नेता विधायक दीपक कुमार के निधन की खबर मिलते ही जनपद में हर तरफ शोक की लहर रही। उनके असामयिक निधन पर लोगों ने गहरा दुख प्रकट किया। राजनीतिक, सामाजिक व शैक्षिक संगठनों ने जगह जगह आपात बैठक कर दीपक कुमार की समर्पित जनसेवा का स्मरण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। वह पिछले कई माह से लिवर की बीमारी से ग्रसित थे। इलाज के लिए मेदांता अस्पताल गुड़गांव में भर्ती कराया गया था।

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    दीपक कुमार विधान सभा क्षेत्र उन्नाव से चार बार विधायक व 1999 में उन्नाव सीट से सांसद रहे। जिले के नागरिकों में मजबूत पकड़ होने के कारण जनता में उन्हें दीपक भैया के नाम से जाना माना जाता था। वह लोधी बिंद कश्यप संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे।

    दीपक कुमार को राजनीति विरासत में मिली थी। उनके पिता बाबू मनोहर लाल आपातकालीन में जेल से छूटने के बाद हुए संसदीय चुनाव में कानपुर नगर से सांसद चुने गए। सन 1984 में विधान सभा चुनाव होने पर उन्नाव से जपा की टिकट पर विधायक चुने गए। यहीं से उनके युवा पुत्र दीपक कुमार ने राजनीति के सफर की शुरुआत की। नगर महापालिका कानपुर के सभासद चुनाव में अपने निवास क्षेत्र जाजमऊ से सभासद का चुनाव लड़ा और विजयी रहे। सन 1993 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में मनोहर लाल को पशुधन मंत्री बनाया गया। श्री लाल ने गंगा कटरी क्षेत्र के विकास के लिए कटरी विकास मंच का गठन कर पहल शुरू की। तभी अचानक लखनऊ में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। इससे रिक्त सीट पर उप चुनाव होने पर सपा मुखिया ने मनोहर लाल के कनिष्ठ पुत्र दीपक कुमार को प्रत्याशी घोषित कर चुनाव लड़ाया जिसमें वह विजयी रहे। सन 1996 में विधान सभा का आम चुनाव होने पर वह दूसरी बार विधायक चुने गए। दीपक की मिलन सारिता ने जनता के दिलों में जो जगह बनाई उससे प्रभावित होकर सपा मुखिया मुलायम सिंह ने सन 1999 के लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी उन्नाव सीट से बनाया। जिसमें दीपक भाजपा के तत्कालीन सांसद को पराजित कर विजयी हुए थे। लेकिन 2004 के लोक सभा चुनाव में उन्हें बसपा के ब्रजेश पाठक से मात खानी पड़ी। उन्हें उन्नाव क्षेत्र से 2007 और 2012 में भी विधायक होने का गौरव हासिल रहा। मुलायम सिंह यादव के खासमखास विधायकों में वह एक थे। उनमें क्षेत्र व जनपद का विकास और जनसेवा ही उनकी हावी रही। पूर्वाह्न से देर सायं तक लोगों में शोक सभाओं का दौर जारी रहा। इस बीच हर कोई उनके शव के अंतिम दर्शन के लिए उतावला रहा। दिवंगत विधायक अपने पीछे पत्नी मनीषा व पुत्र अभिनव, अनुभव व पुत्री अनुप्रिया का भरा पुरा परिवार छोड़ गए हैं। बड़े भाई पूर्व विधायक रामकुमार आदि शव को बाई रोड लेकर देर रात तक यहां पहुंचने की संभावना है।

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