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    UPPCL: बिजली निजीकरण की आड़ में 16 हजार आरक्षण होंगे खत्म? पावर ऑफिसर्स ने सरकार को घेरा

    By Jagran NewsEdited By: Sakshi Gupta
    Updated: Sat, 17 May 2025 08:42 PM (IST)

    UPPCL | UP News | उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने बिजली कंपनियों के निजीकरण में आरक्षण खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया है। एसोसिएशन का कहना है कि निजीकरण से दलितों और पिछड़े वर्गों को भारी नुकसान होगा क्योंकि 16 हजार आरक्षित पद समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने सरकार से निजीकरण पर रोक लगाने और आरक्षण बचाने की मांग की है।

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    बिजली निजीकरण से सबसे अधिक नुकसान दलित व पिछड़े वर्ग का।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने कहा है कि बिजली कंपनियों के निजीकरण में आरक्षण समाप्त करने की साजिश की जा रही है। पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन कह रहा है कि सभी कार्मिकों का हित सुरक्षित रहेगा, क्या वह यह भी बताएगा कि आरक्षण के पदों का क्या होगा?

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    आने वाले समय में आरक्षण समाप्त होगा तो सबसे अधिक नुकसान दलित व पिछड़े वर्ग का होगा सरकार से मांग की है कि आरक्षण को बचाने के लिए बिजली कंपनियों के निजीकरण पर तत्काल रोक लगाई जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष नेकीराम, महासचिव अनिल कुमार ने संयुक्त बयान में कहा है कि ऊर्जा निगमों में आरक्षण पर कुठाराघात करने के लिए निजीकरण की साजिश की जा रही है। इसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। एसोसिएशन इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएगा।

    सत्ता के साथ ही विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर आरक्षण पर हो रहे कुठाराघात पर अंकुश लगाने की मांग करेगा। जिन 42 जिलों की बिजली का निजीकरण किया जा रहा है कि उसमें आरक्षण के 16 हजार पद समाप्त हो जाएंगे। पावर कॉर्पोरेशन द्वारा इस पर कोई वक्तव्य नहीं दिया जा रहा है।