नोएडा के फ्लैट खरीदारों के लिए अच्छी खबर, बिल्डर प्रोजेक्ट में जल्द मिलेगा मालिकाना हक
नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत रिपोर्ट के तहत बिल्डरों द्वारा उठाए गए लाभ पर चर्चा हुई। 34 बिल्डर परियोजनाओं ने 518 करोड़ रुपये जमा किए जिससे फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री हो सकेगी। अब तक 3125 फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री कराई जा चुकी है। शहर में बिजली समस्या को दूर करने के लिए 220 केवी बिजली सब स्टेशन बनाने का भी निर्णय लिया गया।
जागरण संवाददाता, नोएडा। अमिताभकांत रिपोर्ट की सिफारिशों का कितना लाभ बिल्डरों की ओर से लिया गया, कितनी राशि अब तक प्राधिकरण खाते में जमा हुई, कितने फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री अब तक बिल्डर करवा चुके है।
इस सवालों के साथ प्राधिकरण चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने 218 वीं बोर्ड बैठक की शुरुआत की, जिसमें सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि 26 जून तक 57 बिल्डर परियोजनाओं में 34 परियोजनाओं ने इस योजना का लाभ लिया। इन्होंने योजना के तहत 25 प्रतिशत पैसा यानी 518 करोड़ जमा किया। यह कुल डेवलपर्स का 60 प्रतिशत है। वहीं 13 ऐसे बिल्डर परियोजनाएं है।
अब तक कितने फ्लैट खरीदारों की हुई रजिस्ट्री?
जिन्होंने आंशिक राशि करीब 25.45 करोड़ रुपये प्राधिकरण के खाते में जमा कराई है। ऐसे मे कुल 543.45 करोड़ रुपये जमा हुए है। इससे कुल 4777 फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री कराई जा सकेंगी। अब तक 3125 फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री कराई जा चुकी है।
वर्ग संख्या जमा राशि
कुल परियोजनाएं : 57 बिल्डर- एनए
शासनादेश के अनुसार बकाए की गणना के बाद देयता शून्य : 6 बिल्डर -एनए
कुल बकाया के सापेक्ष 25 प्रतिशत राशि जमा कराई : 34 बिल्डर-518. करोड़
कुल बकाया के सापेक्ष 25 प्रतिशत की जगह आंशिक राशि जमा कराई : 13 बिल्डर-25.45 करोड़
प्राधिकरण को सहमति देने के बाद राशि जमा नहीं कराई : 4 बिल्डर-एनए
कुल बकाया के सापेक्ष न 25 प्रतिशत राशि नहीं जमा कराई, न ही सहमति दी: 6 बिल्डर-एनए
प्राधिकरण में 25 प्रतिशत व आंशिक राशि कुल जमा : 47-543.45 करोड़
चरणबद्ध तरीके से बिजली स्टेशन होंगे तैयार
नोएडा में लगातार बढ़ रहे विद्युत भार को देख मास्टर प्लान 2031 के अनुसार शहर में 220 केवी बिजली सब स्टेशन की आवश्यकता होगी, जिसे बनाने का निर्णय लिया गया। इस स्टेशन का चरणबद्ध तरीके से निर्माण कराया जाएगा, जिस पर आने वाले खर्च प्राधिकरण वहन करेंगा, जिससे ओवर लोड की समस्या से विद्युत निगम को निजात दिलाई जा सके। शहर में ट्रिपिंग की समस्या खत्म हो।
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