राजधानी में ये कैसी सड़क? 50 दिन में ही धंस गई वाराणसी-लखनऊ फोरलेन ओवरब्रिज की रोड
Lucknow Varanasi Four Lane | लखनऊ-वाराणसी फोरलेन पर बना 43 करोड़ का रेलवे ओवरब्रिज 50 दिन में ही धंस गया। हनुमानगंज बाईपास पर बने इस पुल के निर्माण में देरी हुई थी। कंपनी 10 साल की गारंटी की बात कर रही है और मरम्मत का काम जारी है। सड़क धंसने से यातायात प्रभावित है और निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, सुलतानपुर। लखनऊ-वाराणसी फोरलेन पर 43 करोड़ की लागत बने रेलवे ओवरब्रिज की सड़क की एक लेन 50 दिन में ही धंस गई।
इससे जहां आवागमन प्रभावित है, वहीं निर्माण की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में है। हालांकि, कार्यदायी कंपनी के अधिकारी 10 वर्ष मरम्मत की गारंटी की बात कहकर बचाव कर रहे हैं।
हनुमानगंज बाईपास स्वीकृति के 10 वर्ष बाद पूरा हुआ। इस पर वाहनों के आवागमन की शुरुआत 15 जुलाई को की गई थी। पुल की दक्षिणी एक लेन शुभारंभ के 50 दिन भी पूरा नहीं कर सकी और धंस गई। वर्ष 2015 में रेलवे ओवरब्रिज की स्वीकृति मिली।
2016 में काम शुरू हुआ तो फोरलेन की जगह सिक्स लेन ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव हुआ। इसके बाद रेलवे से अनुमति मिलने में दो वर्ष लग गए। श्रद्धा इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 15 महीने की देरी से इसको तैयार किया। इस बीच पुराने हाईवे से होकर आवागमन होता रहा।
इसके चलते रोज जाम लगता था। ओवरब्रिज बनने से यह समस्या दूर हो गई, लेकिन अब नई परेशानी नजर आने लगी। सड़क धंसने के बाद कार्यदायी कंपनी ने एक लेन पर बैरियर व अवरोधक लगाकर आवागमन रोक दिया है। धंसे भाग को काटकर हटा दिया है।
10 वर्ष की गारंटी
फोरलेन की आरसीसी सड़क और पुल बनाने वाली कंपनी ने इसकी 10 वर्ष की गारंटी ली है। कंपनी के अधिकारी यह कहकर बचाव कर रहे हैं कि जो कमी आएगी, उसे दूर किया जाएगा।
हो रही मरम्मत
एनएचएआइ के परियोजना प्रबंधक नितिन कुमार ने बताया कि आरओबी व सड़क निर्माण कंपनी 10 वर्ष तक देखभाल करेगी। जहां जो कमी आएगी, वह उसे दूर करेगी। जहां सड़क धंसी है, उसे ठीक किया जा रहा है।
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